पटना. एक तरफ कोरोना संक्रमण के दौर में कुछ लोग नि:स्वार्थ भावना से काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट अस्पताल कोरोना आपदा को अवसर में तब्दील कर मरीजों से खुलेआम रुपये ऐंठ रहे हैं. कंकड़बाग के ऑक्सीजोन अस्पताल में ऐसा ही मामला सामने आया है. इस अस्पताल का नाम कोविड के 90 अस्पतालों में शामिल नहीं है, फिर भी बगैर आदेश के इस अस्पताल में कोविड मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
यह खुलासा तब हुआ, जब बुधवार को कोविड मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. उग्र परिजन अस्पताल में ईंट-पत्थर लेकर घुस गये. तोड़फोड़ की. बवाल को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया.
बता दें कि भर्ती कोविड मरीज राजवीर के परिजनों को 80 हजार का बिल थमा दिया गया. परिजनों ने कहा कि अस्पताल प्रशासन के लोगों ने मारपीट की है. इसी को लेकर लोगों ने हंगामा किया.
पहले कहा यहां कोई कोरोना मरीज नहीं, लेकिन सुबह में ही एक कोविड मरीज ने दम तोड़ा : परिजनों द्वारा हंगामा करने की वजह को जानने के लिए जब प्रभात खबर के संवाददाता ने अस्पताल के डायरेक्टर चंदन सिंह से बात की, तो उन्होंने शुरुआत में मामले को दबाने के लिए यह कहा कि यहां कोरोना मरीजों का इलाज नहीं होता.
पैसा नहीं देने को लेकर परिजन हंगामा कर रहे हैं. लेकिन जब अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों से बात की तो पता चला कि यहां कई कोविड मरीज भर्ती हैं. एक कोविड मरीज की सुबह में ही मौत हो गयी है. इस बारे में जब फिर से डायरेक्टर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आदेश लेने के लिए आवेदन दिया हुआ है. यहां कोविड मरीज भर्ती हैं.
मरीज के भतीजे ने बताया कि नालंदा से सोमवार की शाम हालत बिगड़ने के बाद ऑक्सीजोन हॉस्पिटल लाया गया. अस्पताल वालों ने बताया कि यहां कोविड मरीजों का इलाज होता है. लेकिन अचानक बुधवार को जब हालत बिगड़ने लगी, तो डॉक्टर ने कहा कि इन्हें हार्ट अटैक हुआ है.
आप बिल भर दें और अपने परिजन को ले जाइए. यहां हार्ट अटैक का इलाज नहीं होता है. शिकायत के बाद ऑक्सीजोन अस्पताल में एडीएम जांच करने पहुंचे. परिजनों के अनुसार एडीएम ने कहा कि अस्पताल को आप पैसा नहीं देंगे. साथ ही अस्पताल प्रशासन को डांट-फटकार भी लगायी और अल्टीमेटम भी दिया.
Posted by Ashish Jha