बिहार में लगातार बढ़ रहे Corona के मरीज लेकिन बिहारी इम्युनिटी को नहीं भेद पा रहा virus

Bihari immunity Coronavirus देश के साथ-साथ बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बीच सुकून भरा संकेत यह भी है कि यहां एक भी मरीज न तो आइसीयू में भर्ती हुआ है और न ही किसी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखने की नौबत आयी है. पॉजिटिव मरीज को अलग वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है. राज्य का पहला कोविड-19 इलाज के लिए समर्पित किया गया नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ दो पॉजिटिव मरीजों को ही इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है.

By SumitKumar Verma | April 10, 2020 11:11 AM
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शशिभूषण कुंवर

पटना : देश के साथ-साथ बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बीच सुकून भरा संकेत यह भी है कि यहां एक भी मरीज न तो आइसीयू में भर्ती हुआ है और न ही किसी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखने की नौबत आयी है. पॉजिटिव मरीज को अलग वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है. राज्य का पहला कोविड-19 इलाज के लिए समर्पित किया गया नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ दो पॉजिटिव मरीजों को ही इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है.

वायरस का नहीं हो रहा घातक प्रभाव

बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आइसीयू में भर्ती न होने या वेंटिलेटर पर नहीं जाने को लेकर भारत सरकार के ट्राॅपिकल डिजीज संस्थान, आरएमआइआइ के निदेशक डॉ प्रदीप दास का मानना है कि इसकी दो वजह हो सकती है. पहला भारत और खासकर बिहार के लोगों में कोरोना-19 के वायरस का जो घातक प्रभाव है, उसका असर नहीं हो पा रहा है. यह भी हो सकता है कि यहां के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अमेरिकी और यूरोपियन लोगों से अधिक हो. उन्होंने बताया कि इसका दूसरा कारण यह हो सकता है कि बिहार के लोगों को बचपन से ही विभिन्न तरह के वायरस से जूझना पड़ता है.

मलेरिया से जूझने का भी है असर

कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ निर्मल कुमार सिन्हा का मानना है कि बिहार पुराने समय से मलेरिया संक्रमित जोन में रहा है. कोविड-19 के इलाज में अगर कोई दवा कुछ असर कर रही है, तो वह मलेरिया की है. इसी कारण अमेरिका भारत से मलेरिया की दवा मंगा रहा है.

चूंकि अमेरिका और यूरोपियन देशों में मलेरिया का कभी असर ही नहीं रहा है, ऐसे में कोविड-19 वायरस का वहां पर गंभीर अटैक हो रहा है. बिहार में मलेरिया के कारण हो सकता है कि यहां के लोगों में उस वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हो गयी है. हालांकि दोनों चिकित्सकों ने माना कि यह तो एक शोध का विषय है.

ऐसे भी बढ़ा सकते हैं इम्यूनिटी

– प्रतिदिन सुबह में एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं. अगर मधुमेह के मरीज हैं तो बिना चीनी वाला च्यवनप्राश खाएं.

– रोज दिन में दो बार तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और किशमिश का काढ़ा बनाकर पिएं.

गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर दिन में एक से दो बार पिएं

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