साकिब,पटना. कोविड के मरीजों की संख्या में भारी कमी आ चुकी है. हाल यह है कि अस्पतालों में कोविड के 90 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली पड़े हैं. इसके बावजूद पटना के कोविड डेडिकेटेड सरकारी अस्पतालों में नाॅन कोविड मरीजों का इलाज दुबारा से शुरू नहीं हो पा रहा, जहां हो भी रहा है वहां बेहद कम मरीज देखे जा रहे हैं. इससे आम मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
राज्य के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल आइजीआइएमएस को 15 अप्रैल के बाद कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित कर दिया गया था. यहां तब से सिर्फ कोविड और ब्लैक फंगस के मरीजों का ही इलाज हो रहा है. इस अस्पताल में राज्य भर से लिवर, किडनी, कैंसर समेत विभिन्नि बीमारियों का इलाज करवाने के लिए मरीज आते हैं.
अस्पताल में आम मरीजों के लिए न तो ओपीडी चल रहे हैं और न ही उन्हें भर्ती लिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में यहां आने वाले मरीज इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं. आइजीआइएमएस प्रशासन ने चार दिन पहले स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर निवेदन किया है कि हमें आम मरीजों का अब इलाज करने दें. अस्पताल ने इसके लिए विभाग से अनुमति मांगी है.
पटना एम्स भी कोविड का डेडिकेटेड अस्पताल है. यहां भी कोविड मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आ चुकी है. यहां सोमवार की रात तक मात्र 74 कोविड मरीज ही भर्ती थे. इसके बावजूद बहुत कम आम मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. एम्स प्रशासन के दावे के मुताबिक यहां करीब 100 सामान्य मरीज विभिन्न वार्डाें में भर्ती हैं. यह संख्या आम दिनों के मुकाबले काफी कम है. दूसरी ओर ओपीडी में प्रत्येक विभाग मात्र 20 नाॅन कोविड मरीजों को ही देख रहा है.
पटना सिटी इलाके के सबसे बड़े अस्पताल एनएमसीएच को भी कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया था. यहां भी सिर्फ कोविड और ब्लैक फंगस के मरीजों का ही इलाज हो रहा है. यहां इसके लिए 500 बेड हैं लेकिन सोमवार की शाम तक इसमें से 461 बेड खाली पड़े थे.
कोविड मरीजों का इलाज पटना के करीब 90 निजी अस्पतालों में हो रहा था. यहां भी कोविड मरीजों की संख्या काफी कम हो गयी. इसके बाद इन अस्पतालों ने नाॅन कोविड मरीजों का इलाज करीब 15-20 दिन पहले से ही शुरू कर दिया गया है. सोमवार को जानकारी मिली की पटना के लगभग सभी निजी अस्पतालों में आम मरीजों के लिए ओपीडी और इनडोर सेवाएं चालू हैं.
Posted by Ashish Jha