भागलपुर: सोमवार को कोरोना सैंपल जांच रिपोर्ट आने के बाद बीडीओ और इनके कार्यालय में तैनात कर्मी पॉजिटिव पाये गये थे. स्वास्थ्य विभाग दोनों को सीसीसी सेंटर में भर्ती करने की तैयारी में जुटा है. कभी इन्हें फोन किया जा रहा है, तो कभी बताया जा रहा है कि ये कहा हैं इसकी जानकारी जुटायी जा रही है. पॉजिटिव होने के 30 घंटे बाद भी अधिकारी और इनके कर्मी सीसीसी सेंटर घंटाघर में भर्ती नहीं हुए हैं.ऐसे में इनके रवैये और लापरवाही पर ही सवाल खड़ा होने लगा है. आखिर क्या वजह है कि सरकार की ओर से की गयी व्यवस्था का लाभ सरकारी अधिकारी ही नहीं लेना चाह रहे.
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सरकारी व्यवस्था के अनुसार जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है, उसे लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जाती है. एंबुलेंस से मरीज को सीधे सीसीसी सेंटर लाया जाता है. पॉजिटिव मरीज की तबीयत अगर सीसीसी सेंटर में ज्यादा खराब हो जाती है, तो उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में भेजा जाता है. लेकिन बीडीओ और इनके कर्मचारी इस नियम का पालन कर ही नहीं रहे हैं. दोनों सीसीसी सेंटर में भर्ती हुए या नहीं, इसकी जानकारी के लिए दिन भर स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी भी परेशान रहे.
बीडीओ और इनके कर्मचारी को फोन किया गया. बीडीओ साहब का मोबाइल बंद मिला, तो कर्मचारी का मोबाइल लगा ही नहीं. ऐसे में अब विभाग बीडीओ साहब को खोजने में जुटे हैं. मंगलवार की शाम सात बजे तक इनका कहीं कुछ भी अता-पता नहीं चल पाया. वहीं, आठ बजे एक व्यक्ति ने सीसीसी सेंटर में तैनात कर्मी से कहा कि बीडीओ साहब अपनी गाड़ी से ही भर्ती होने आयेंगे. एंबुलेंस इनके लिए नहीं भेजा जाये. इसके बाद सीसीसी सेंटर में इनको भर्ती करने की तैयारी शुरू की गयी. लेकिन रात नौ बजे तक बीडीओ साहब का कहीं पता नहीं था. हालांकि बीडीओ लगातार संदेश भेज रहे हैं कि वो खुद आकर भर्ती होंगे. यह संदेश पिछले 28 घंटे से दिया जा रहा है. वहीं, इसी प्रखंड का एक कर्मी भी गायब है. इनके बारे में बताया जा रहा है कि ये मुंगेर निकल गये हैं. अब पॉजिटिव मरीज कैसे मुंगेर निकल गया, इस बात की जांच हो रही है.