बिहार में मिले दो हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव, सभी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग 21 जनवरी तक बंद, परीक्षाएं होगी
बिहार में तेजी से फैल रही कोराना वायरस संक्रमितों को देखते हुए राज्य सरकार ने कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दी है. सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में पचास फीसदी कर्मियों की मौजूदगी होगी. सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों को 50 फीसदी उपस्थित के साथ खोले जायेगे.
बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, और शिक्षण संस्थान, कोचिंग सेंटर और छात्रवास 21 जनवरी तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने इस संबंध मे गुरुवार को आदेश जारी किया. सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में पचास फीसदी कर्मियों की मौजूदगी होगी. सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों को 50 फीसदी उपस्थित के साथ खोले जायेगे. सभी स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन क्लास की छूट्टी कर दी गयी है.
मेडिकल कॉलेज, इनसे जुड़ी शिक्षण संस्थान और उनके छात्रवास खुले रहेगे. गृह विभाग की तरफ से चार जनवरी को जारी आदेश में संशोधन किया गया है. पुराने आदेश में सिर्फ आठवी तक के स्कूल ही बंद किये गये थे, परंतु बढ़ते संक्रमण के करण इस आदेश को संशोधित किया गया. वही सात माह बाद राज्य में 2379 कोरोना के केस मिले है. नये आदेश में यह कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थान बंद रहेगे, लेकिन केंद्र और राज्य के आयोग द्वारा नियोजन संबंधी ली जाने वाली परीक्षाएं और विभिन्न बोर्ड की परिक्षाएं आयोजित की जाएगी.
बिहार में अभी तक कोरोना की तीसरी लहर से गुजर रहा है. तीसरी लहर की रफ्तार पिछले दोनों लहरों से तेज है. दूसरी और तीसरी लहर के आरंभ के 10 दिन के आंकड़े संकेत कर रहे है कि इसकी गति इससे भी अधिक तेज गति से बढ़गी. तीसरी लहर में अभी संक्रमितों को उस अनुपात में भर्ती होने की आवश्कता नहीं पड़ी. जितनी दूसरी लहर के दौरान हुई थी. तीसरी लहर को देखते हुए केंद्रीय टीम ने भी बिहार का दौरा कर यहां की स्थिति का आंकलन कर लिया था.
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जनवरी तक बंद, परीक्षाएं होगी
राज्य में दूसरी लहर से काफी तेज तीसरी लहर की रफ्तार
हालांकि इसकी संख्या में घनात्मक नहीं बल्कि गुणात्मक वृद्ध देखी जा रही है. बिहार में कोरोना की दूसरी लहर पहली अप्रैल से आरंभ हुई थी. उसके बाद संकमितों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज होती रही. ऐसी स्थिति तीसरी लहर में भी देखने को मिल रही है. दोनों लहरों में फर्क यह है कि तीसरी लहर की रफ्तार दो अंकों से शुरु हुई जबकि दूसरी लहर की रफ्तार में संक्रमितों की संख्या तीन अंकों में बनी हुई थी.