पटना. बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रित है. नये साल में अब तक महज एक मरीज मिला है. पटना शहर के बोरिंग रोड स्थित आनंदपुरी निवासी 19 वर्षीय एक छात्र कोरोना पॉजिटिव निकला है. उसने खुद को अपने घर में ही आइसोलेट कर लिया है. इससे पहले भी पटना जिले में 10 से अधिक मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है.
परीक्षा देने आया था छात्र, जांच में निकला संक्रमित
पटना में मिले कोरोना संक्रमित मरीज के संबंध में डॉक्टरों के कहा कि छात्र कंकड़बाग में आयोजित एक परीक्षा में शामिल होने गया था, वहां जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. छात्र की तबीयत बिगड़ने के बाद निजी लैब में भी जांच करायी गयी, जहां निजी लैब में भी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव बतायी गयी है. वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि कोरोना की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गयी, रैपिड रिस्पॉन्स टीम युवक के घर भेजी गयी.
सासाराम में कोरोना जांच में तेजी लाने को मिले 4000 किट
रोहतास जिले में कोरोना संक्रमण के नये वेरिएंट जेएन-1 से 10 वर्षीय बच्ची की हुई मौत के बाद विशेष सावधानी बरती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के लिए 4000 कोरोना जांच किट उपलब्ध कराये गये हैं. जिले में प्रथम व दूसरे संक्रमण के लहर के दौरान कुल 264 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद नये वेरिएंट जेएन-1 से हुई मौत के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 265 पहुंच गया है. जिले में अब तक कुल 28,55,604 लोगों के सैंपल लिये गये और 18,77,582 लोगों की कोरोना जांच की गयी. वहीं, जिले में करीब 16137 लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे, जिनमें 15872 लोग स्वस्थ हो गये, जबकि 265 लोगों ने अपनी जान गंवायी.
सेंट्रल ड्रग स्टोर में बचा है 250 कोरोना किट
इधर, मुजफ्फरपुर जिले में दो दिन बाद कोरोना जांच बंद हो जायेगा. सेंट्रल ड्रग स्टोर में महज 250 आरटीपीसीआर जांच के किट बचे हुए है. ऐसे में सदर अस्पताल के ड्रग स्टोर से दस हजार आरटीपीसीआर किट की डिमांड भेजी गयी है. अगर दो दिनों के अंदर किट नहीं भेजी गयी तो कोरोना जांच बंद किये जायेंगे. इधर पीएचसी से भी किट की डिमांड की जा रही है. लेकिन उन्हें कहा गया है कि अभी उन मरीजों का ही कोरोना जांच करे जिन्हें जरुरी है. अन्य मरीजों को दो दिन बाद जांच के लिये बुलाये.
हर पीएचसी को हर दिन 25 कोरोना जांच करनी है
जिले के हर पीएचसी को हर दिन 25 लोगों का कोरोना जांच करनी है. इसके अलावा सदर अस्पताल में 50 लोगों का जांच करना है. ऐसे में हर दिन 450 लोगों का कोरोना जांच हर दिन करनी है, लेकिन किट की कमी को लेकर अभी जांच भी हर का नहीं किया जा रहा है. उन मरीजों का ही जांच किया जा रहा है जो संदिग्ध हैं. ऐसे में लोगों के बीच काफी नाराजगी है.
कोरोना को लेकर अलर्ट मोड में है अस्पताल प्रबंधन
इस बीच सुपौल सदर अस्पताल में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर एहतियात नहीं बरती जा रही है. लोग मास्क लगाना जरूरी नहीं समझते हैं. सीएस डॉ ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि विभागीय निर्देश के बाद कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी पूरी कर ली गयी है. वहीं जिले भर के सभी अस्पतालों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है. बताया गया है कि कोरोना को लेकर सदर अस्पताल में कोविड वार्ड भी बनाया गया है. जबकि जिले के सभी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है.