जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों दिल के रोगी ज्यादा आ रहे है. हैरानी की बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है. इस बीमारी को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने इस पर रिसर्च कराया. जिसके हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. बताया जा रहा है कि जो लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं. उनमें खून के थक्के बन रहे हैं. इसके कारण लोग दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. हाल के दिनों में हार्ट अटैक की समस्या भी इसी कारण बढ़ी है.
अस्पताल अधीक्षक डॉ दास ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरे चरण में जो लोग संक्रमण का शिकार हुए उनमें ज्यादा लोगों की जान नहीं गयी. इसके बाद चौथा चरण आ गया. इसमें देखा गया की जो लोग संक्रमण का शिकार हुए है उनके शरीर में कोरोना ने खून का थक्का बनाना शुरू कर दिया. कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए दवा मरीज ने लिया. जिससे संक्रमण तो ठीक हो गया और थक्का भी कम हुआ. ऐसे में संभावना यह है की खून में बना थक्का पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ. साथ ही खून के थक्का की वजह से दिल की धड़कन भी अनियंत्रित होने लगाता है. बीपी भी कभी ज्यादा तो कभी कम हो जाता है. परिणाम ऐसे व्यक्ति को दिल का रोग हो जाता है.
मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. कमजोरी महसूस होती है. पंजे, एड़ी या पैर में सूजन हो तो लगातार खांसी होती है, भूख नहीं लगती और बार-बार पेशाब होता है. इस तरह के लक्षण सामने आने पर लोगों को तुरंत जांच कराना चाहिए.
अमरपुर में रहने वाला 52 साल का युवक, पिछले साल कोरोना संक्रमण शिकार हो गया. ग्रामीण इलाके में रहने वाला यह युवक संक्रमित होने से पहले पूरी तरह स्वस्थ थे. संक्रमण से मुक्त होने के बाद इनकी परेशानी बढ़ गयी. कभी हर्ट में दर्द तो कभी अन्य परेशानी सामने आने लगा. अंत में हर्ट में ज्यादा दिक्कत आने के बाद उसे मायागंज अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने जांच की, तो पाया गया कि उसके दिल में थक्का जमा हो गया है.