पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना की रफ्तार तेजी से घट रही है, हालांकि वर्तमान में भी पटना में रोजाना 500 के पार मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार जांच जारी है़ नयी रणनीति के तहत लोगों की जांच की जा रही है. इसी क्रम में अब कोरोना संक्रमित बुजुर्गों की भी जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जायेगी़ जो संक्रमित बुजुर्ग दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं
उनको प्राथमिकता के आधार पर जांच होगी. स्वास्थ्य विभाग जीनोम सिक्वेंसिंग जांच का दायरा बढ़ाने जा रहा है़.अभी तक विदेश या दूसरे राज्यों से लौटे लोगों या संबंधित लोगों से प्रभावित लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है. अब अस्पताल में भर्ती असाध्य बीमारी से पीड़ित कोरोना मरीजों का नमूना सिक्वेंसिंग को भेजा जायेगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर सभी कोविड अस्पताल के प्रभारियों को सूचना भेजी जा रही है. जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शहर के आइजीआइएमएस अस्पताल में किया जाता है. अब तक संस्थान की ओर से 67 लोगों का ओमिक्रोन की पुष्टि की जा चुकी है.
पटना जिले में दो दिन से कोरोना के मामलों में भी अच्छी खबर देखने को मिल रही है. रविवार को भी शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस में एक भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई है. वहीं पटना एम्स में चार मरीजों की मौत हो गयी. यहां भर्ती मरीजों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है. वहीं देखा जाये तो पटना में एक जनवरी से संक्रमित तेजी से बढ़ने लगे थे.
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दूसरे सप्ताह आते- आते रोजाना औसतन 2 हजार से भी अधिक मरीज मिल रहे थे. इसके मुकाबले अब केस 500 से भी नीचे आ गये हैं. पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा सिंह ने कहा कि रात्रि लॉकडाउन और कोरोना से बचाव के नियमों के पालन से पटना में कोरोना से हालात नियंत्रण में आ गये हैं. उन्होंने कहा कि मौत के मामलों में भी पहले के मुकाबले बहुत ही कमी आ रही है. बस लोग संक्रमण के कम होने से लापरवाही न बरतें.