बिहार में कोरोना का बढ़ रहा कहर, पटना एम्स में एक और मरीज की मौत, संक्रमितों की संख्या 844 पहुंची

बिहार में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. बुधवार को पटना एम्स में भर्ती एक मरीज की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मृतक को पहले से लीवर की बीमारी से जूझ रहा था. इस महीने से कोरोना संक्रमण के कारण ये पटना में दूसरी मौत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2023 10:53 AM

बिहार में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. बुधवार को पटना एम्स में भर्ती एक मरीज की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मृतक को पहले से लीवर की बीमारी से जूझ रहा था. इस महीने से कोरोना संक्रमण के कारण ये पटना में दूसरी मौत है. इससे पहले सात महीने के एक बच्चे की मौत हो गयी थी. पिछले 24 घंटों के दौरान पटना में 82 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं. इसके साथ ही, राज्य में संक्रमितों की संख्या बड़कर 844 हो गयी है. बताया जा रहा है कि पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के हास्टल में आठ छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

बिहार में एक्टिव केस की संख्या 844 पहुंची

बिहार में कोरोना धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है. बताया जा रहा है कि बुधवार को पटना में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. वर्तमान में पटना में एक्टिव कोरोना केस की संख्या 477 है. कल भागलपुर में 22 कोरोना संक्रमित पाये गए. इसके साथ ही, जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 69 पहुंच गयी. जबकि, गया में 56, पूर्णिया में 38, खगड़िया में 41 और राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 28 पहुंच गयी है.

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मुजफ्फरपुर में कोरोना से निपटने के लिए खास इंतजाम

मुजफ्फरपुर में कोरोना से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. सदर अस्पताल सहित सभी 16 प्रखंडों के सीएचसी में चाइल्ड केयर सेंटर बनाया गया है. इसमें बेड से लेकर डॉक्टर, नर्स, जेएनएम और पारा मेडिकल स्टॉफ की प्रतिनियुक्ति कर दी है. दवा भी उपलब्ध करा दी गयी है. सदर अस्पताल में 20 बेड का वार्ड और दस बेड का पीआइसीयू तैयार किया गया है. जबकि, जिले के 16 प्रखंडों में दस-दस बेड का वार्ड बनाया गया है. वार्ड में हर बेड के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंटर, सक्सन मशीन और बाइपेप लगाये गये हैं. साथ ही हर चाइल्ड केयर सेंटर में तीन डॉक्टर, नौ एएनएम, तीन जेएनएम और दो एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है. सीएस डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि कोरोना से निबटने की तैयारी कर ली गयी है. अगले हफ्ते से डॉक्टर, नर्स और जेएनएम को सदर अस्पताल में इलाज की ट्रेनिंग दी जायेगी. जो वार्ड तैयार किये गये हैं, उनमें दो साल से 18 साल तक के बच्चों का इलाज किया जायेगा. प्राथमिक उपचार के बाद अगर हालत गंभीर होती है, तो एसकेएमसीएच में रेफर किया जायेगा.

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