पटना. आखिरकार राज्यवासियों के इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं. शनिवार को पटना के एम्स व आइजीआइएमएस समेत राज्य के 30 केंद्रों पर कोरोना टीकाकरण की शुरुआत होगी. राज्य में पहले दिन 30 हजार रजिस्टर्ड स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जायेगा.
केंद्र सरकार ने इसके लिए पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार कोविशील्ड और हैदराबाद के वैैज्ञानिकों द्वारा तैयार कोवैक्सीन उपलब्ध करायी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की उपस्थिति में आइजीआइएमएस में सुबह 10:45 बजे आइजीआइएमएस के सफाई कर्मी रामबाबू को पहला और एंबुलेंस चालक अमित कुमार को दूसरा टीका लगाया जायेगा.
टीकाकरण का कार्य सबसे निचले स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और ऊपरी लेवल पर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और एम्स में किया जायेगा. टीकाकरण के लिए राज्य में 300 सेंटर बनाये गये हैं, जहां पर रोज 100 रजिस्टर्ड लोगों काे टीका दिया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.
पटना में दो स्थानों आइजीआइएमएस और पारस अस्पताल से प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण किया जायेगा. रजिस्टर्ड व्यक्ति को दो डोज दिये जायेंगे. दूसरा डोज 28वें दिन दिया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में चार लाख 64 हजार 160 लोगों का टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 300 सेंटरों पर टीकाकरण होगा, जिनमें 259 सेंटर सरकारी और 41 निजी सेंटर शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि टीकाकरण की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और सभी सेंटरों तक वैक्सीन पहुंचा दी गयी है. जिनको भी वैक्सीन दिया जाना है, उनको एसएमएस के माध्यम से वैक्सीनेशन सेंटर और समय की जानकारी दी जायेगी. टीकाकरण के बाद उस व्यक्ति की सूचना संजीवनी एप पर अपलोड कर दिया जायेगा.
बिहार में कोवैक्सीन व कोविशील्ड दोनों तरह की स्वदेशी वैक्सीन भेजी गयी है. ऐसे में जिस व्यक्ति को कोवैक्सीन का पहला डोज दिया जायेगा, उसको उसी वैक्सीन का दूसरा डोज भी दिया जायेगा. वहीं, जिस व्यक्ति को कोविशील्ड का पहला डोज दिया जायेगा, उसको कोविशील्ड का ही दूसरा डोज दिया जायेगा.
कोवैक्सीन का टीका एम्स सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में, जबकि कोविशील्ड का टीका जिला अस्पतालों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक दिया जायेगा. जिन लोगों को शनिवार को कोविड का पहला डोज पड़ेगा, उनको फिर से 13 फरवरी को दूसरा डोज दिया जायेगा.
दूसरे डोज के 14 दिन बाद 27 फरवरी से एंटीबॉडी का निर्माण होने लगेगा. उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए राज्य के 10,600 कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों को दोनों टीकों में चयन करने की आजादी होगी कि वह किस टीका को लें, इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसा नहीं है. उपलब्धता के आधार पर ही टीका दिया जायेगा.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि तीन चरणों में वैक्सीनेशन किया जायेगा. इसमें सबसे पहले सरकारी और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिया जायेगा. इनमें अस्पतालों के सफाईकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, नर्स, डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन शामिल हैं. इसकी शुरुआत शनिवार से की जा रही है.
इसकी मॉनीटरिंग स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य का स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर, जिनमें पुलिस व होमगार्ड के जवान, दानापुर व गया के सेना के जवान, जेलकर्मी, आपदा विभाग के लोग और सिविल डिफेंस के लोग, राजस्व कर्मी, नगर निकायों के कर्मियों (आउटसोर्सिंग सहित) को शामिल किया गया है.
इसकी मॉनीटरिंग केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य का गृह विभाग करेगा. नगर निकायों की मॉनीटरिंग नगर विकास मंत्रालय व राज्य का नगर विकास एवं आवास विभाग करेगा. फ्रंटलाइन वर्करों का डाटाबेस 25 जनवरी तक अपलोड कर दिया जायेगा. तीसरे फेज में अन्य लोगों का टीकाकरण किया जायेगा.
जिस प्रकार बूथ पर मतदान कर्मी एक, दो, तीन व चार होते हैं, उसी तर्ज पर वैक्सीन सेंटर पर भी चार लोगों को लगाया गया है. वेटिंग रूम में टीकाकरण के लिए पहचान पत्र की जांच होगी. उसके बाद वैक्सीनेशन रूम में टीका दिया जायेगा और ऑब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट तक टीका के बाद इंतजार करना होगा. वैक्सीनेशन ऑफिसर एक व दो टीकाकरण करेंगे, जबकि वैक्सीनेशन ऑफिसर तीन व चार ऑब्जर्वेशन रूम में रहेंगे.
प्रधान सचिव ने बताया कि अवकाश के दिन टीकाकरण नहीं किया जायेगा. उन्होंने बताया कि बिहार में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को टीकाकरण किया जायेगा.
कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य स्तर पर डायल 104 और राष्ट्रीय स्तर पर डायल 1075 पर टीका लेनेवाले व्यक्ति कोई परेशानी होने पर जानकारी ले सकते हैं. ये दोनों सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे. प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य मुख्यालय स्तर पर मुख्य सचिव इसकी मॉनीटरिंग करेंगे और जिला स्तर पर संबंधित डीएम के नियंत्रण में मॉनीटरिंग की जायेगी.
टीकाकरण के बाद निकलने वाले जैविक कचरे का निबटारा राज्य के चार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में किया जायेगा. भागलपुर के साथ 11 जिलों को टैग किया गया है, जबकि गया के साथ छह जिलों को, मुजफ्फरपुर के साथ 15 जिलों और आइजीआइएमएस के साथ छह जिलों को टैग किया गया है.
जिला रजिस्टर्ड कर्मी
पटना 50680
पूर्वी चंपारण 24900
गया 24380
मुजफ्फरपुर 23360
समस्तीपुर 23150
सारण 21410
दरभंगा 20240
सीवान 19210
मधुबनी 18430
वैशाली 18400
कटिहार 18270
पूर्णिया 16930
पश्चिम चंपारण 16590
रोहतास 16410
सीतामढ़ी 16180
बेगूसराय 16080
नालंदा 15990
भागलपुर 15670
भोजपुर 13240
जिला रजिस्टर्ड कर्मी
औरंगाबाद 11940
अररिया 11610
मधेपुरा 11450
गोपालगंज 11450
किशनगंज 10580
सुपौल 10520
सहरसा 10260
नवादा 10560
कैमूर 8680
खगड़िया 8540
मुंगेर 8160
जमुई 7840
बक्सर 7760
बांका 7660
जहानाबाद 6340
अरवल 4890
लखीसराय 4230
शेखपुरा 3870
शिवहर 2880
Posted by Ashish Jha