भभुआ सदर. राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर कैमूर सीएस डॉ अरुण कुमार तिवारी ने सभी चिकित्सा केंद्रों के प्रभारी को टीकाकरण के लिए टास्क फोर्स गठन करने का निर्देश दिया है.
राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला से लेकर प्रखंड तक सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों, नगरपालिका भवन को वैक्सिनेशन बूथ बनाने का भी फैसला किया है.
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि आउटरिच में टीकाकरण के लिए आवश्यकता पड़ने पर टेंट लगा कर अस्थायी टीकाकरण बूथ बनाया जायेगा.
टीकाकरण स्थल का चयन पहले से किया जायेगा और टीकाकरण दल को सूचित किया जायेगा. पहले चरण में निजी व सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जायेगा. इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दिया गया है.
गाइडलाइन के अनुसार, सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल व सदर अस्पताल में ही टीकाकरण का कार्य किया जायेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार निजी स्वास्थ्यकर्मियों को टीकाकरण के लिए ऐसे निजी अस्पतालों में टीकाकरण बूथ बनाया जायेगा, जहां पर सौ से अधिक स्वास्थ्यकर्मी कार्यरत रहेंगे.
टीकाकरण केंद्र बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि रोगी के देखभाल वाले क्षेत्र से अलग हो, ताकि संक्रमण की संभावना न रहे.
कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी हुई गाइडलाइन के अनुसार, टीकाकरण कक्ष में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति प्रवेश करेगा. टीकाकरण कक्ष में छह फुट की दूरी सुनिश्चित करते हुए बैठने की व्यवस्था की जायेगी.
कोविड पर संचार सामग्रियों को टीकाकरण कक्ष में प्रदर्शित किया जायेगा. पेयजल और शौचालय की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए. टीकाकरण के बाद लाभार्थी 30 मिनट तक इंतजार करेंगे. इसलिए अधिक स्थान की आवश्यकता होगी.
गाइडलाइन के अनुसार, जहां वैक्सीन दी जायेगी, वहां तीन कमरे होंगे. पहला वेटिंग रूम होगा, दूसरा वैक्सिनेशन रूम और तीसरा ऑब्जर्वेशन रूम. तीनों जगह शारीरिक दूरी का पालन करना होगा.
वैक्सीन देने वाली टीम में एक वैक्सीन ऑफिसर और चार वैक्सिनेशन कर्मी होंगे. टीकाकरण रूम में किसी महिला को वैक्सीन लगाते वक्त एक महिला स्टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी. टीकाकरण की एक साइट पर दिन भर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा.
Posted by Ashish Jha