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अब कोरोना की वैक्सीन लगाने के 14 दिन बाद कर सकेंगे रक्तदान, नयी गाइडलाइन जारी

Corona Vaccine in Bihar: अब कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद भी लोग रक्तदान कर सकते हैं. अभी तक वैक्सीन लगा चुके लोग 28 दिन बाद रक्तदान कर सकते थे, लेकिन वैक्सीन लेने वाले लोगों पर शोध व ब्लड बैंकों में भविष्य में खून की कमी से निबटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय रक्तदान के नियम कानून में बदलाव किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2021 6:38 PM

अब कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद भी लोग रक्तदान कर सकते हैं. अभी तक वैक्सीन लगा चुके लोग 28 दिन बाद रक्तदान कर सकते थे, लेकिन वैक्सीन लेने वाले लोगों पर शोध व ब्लड बैंकों में भविष्य में खून की कमी से निबटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय रक्तदान के नियम कानून में बदलाव किया है. नयी गाइड लाइन की सूचना सिविल सर्जन कार्यालय व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूबे के सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भेज दी गयी है.

खून की कमी होगी दूर, मरीजों को मिलेगी राहत

पीएमसीएच के पैथोलॉजिस्ट विभाग के क्लीनिकल पैथोलॉजिस्ट डॉ देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि ब्लड डोनेशन के इस नयी गाइड लाइन से काफी मरीजों को राहत मिलेगी. 28 दिन के नियम के अनुसार पहले एक व्यक्ति दो से ढाई महीने तक रक्तदान नहीं कर पाता था.

ऐसे में कोरोना संक्रमण की वजह से स्वैच्छिक रक्तदान में कमी आ गयी थी. ऐसे में अब पहली डोज लगवाने के 14 दिन बाद व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. डॉ देंवेंद्र ने बताया कि इससे सबसे अधिक थैलेसिमिया से पीडित मरीजों को राहत मिलेगी, क्योंकि एक बच्चे को एक महीने में कम कम दो यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है.

अतिरिक्त डॉक्टर व नर्सों की होगी नियुक्ति

बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त मानव बल की अस्थायी नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग में तीन माह के लिए अस्थायी तौर पर डॉक्टर और नर्सों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लिए प्रति दिन और प्रति शिफ्ट के अनुसार मानदेय भी निर्धारित कर दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में अस्थायी तौर पर अतिरिक्त मैनपावर उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर जिला पदाधिकारी, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक एवं प्राचार्य के अलावे सिविल सर्जन को अधिकृत किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मानव बल की संख्या बढ़ने से कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार में सहूलियत होगी. उन्होंने बताया कि तीन माह के लिए अस्थायी तौर पर की जाने वाली नियुक्ति में विशेषज्ञ चिकित्सक (पीजी) को 7000 प्रतिदिन, प्रति शिफ्ट दिया जायेगा तो विशेषज्ञ (डिप्लोमा) चिकित्सक को 5000 रुपये प्रतिदिन व प्रति शिफ्ट मानदेय दिया जायेगा.

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Posted By: Utpal Kant

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