कोरोना का खौफ: पटना हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये होगी मामलों की सुनवाई

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनेवाला पटना हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट होगा, जहां पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बहस का प्रावधान किया जा रहा है.

By Radheshyam Kushwaha | March 19, 2020 8:57 AM

पटना: कोरोना वायरस को बिहार में महामारी घोषित कर दिया गया है. इसको लेकर पटना हाइकोर्ट ने गुरुवार से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये वकील जज के साथ बहस करेंगे. पटना हाईकोर्ट में आज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. आज से किसी भी मामले पर सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में जज के सामने वकील बहस नहीं करेंगे. वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनेवाला पटना हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट होगा, जहां पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बहस का प्रावधान किया जा रहा है. वही कोरोना वायरस को लेकर हाईकोर्ट ने वकीलों को कम से कम कोर्ट में आने की सलाह दी है. वकीलों के अनुपस्थिति में किसी भी केस को खारिज नहीं किया जाएगा. वही सिर्फ जमानत अर्ज पर ही सुनवाई करने का फैसला किया जायेगा. वही जमानत अर्जी को छोड़कर दूसरा केस दायर करने से मना किया गया है.

कोर्ट में बहुत जरूरी होने पर ही कोई दूसरा केस दायर हो पायेगा. कोरोना वायरस को देखते हुए हाईकोर्ट ने पहले ही कई गाइडलाइन जारी किया है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ विशेष मामलों में ही अन्य तरह के केस दायर किये जाएंगे. बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव के बारे में की जा रही कार्रवाई का जायदा खुद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ले रहे है. उन्होंने सभी न्यायालयों को वकील की गैरमौजूदगी में केस खारिज नहीं करने का निर्देश दिया है. कोरोना वायरस के कारण हाईकोर्ट में 1 दिन में तकरीबन 200 जमानत के विस्तारित किए गए हैं. जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 12 जजों को लगाया है.

संक्रमण को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति, संस्था, संगठन को अखबारों, टेलीविजन या सोशल मीडिया के जरिये कोरोना वायरस को लेकर किसी भी तरह के अफवाह फैलाने की छूट नहीं होगी. यदि किसी व्यक्ति,संस्था, संगठन को अफवाह फैलाने में दोषी पाया जाता है, तब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पिछले 14 दिनों से होने पर उन्हें जिला व मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा. साथ ही स्टैंडर्ड प्रोसीजर के मुताबिक उनकी सीओवीडी-19 की जांच भी जायेगी. यदि कोई व्यक्ति विदेश या सीवीओडी-19 प्रभावित क्षेत्र से 29 फरवरी के बाद राज्य में आता है, लेकिन उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण (बुखार, सर्दी व सांस लेने में तकलीफ) नहीं मिलता है. तब ऐसी स्थिति में उन्हें अपने घर पर ही रहने की सलाह दी गयी है. साथ ही उन्हें एहतियात बरतते हुए अगले 14 दिनों तक किसी भी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने की हिदायत भी दी गयी है.

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