बिहार में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले और सरकारी प्रतिबंधों के कारण देर रात तक गुलजार रहने वाले रेस्टोरेंटों में सन्नाटा छाया हुआ है. लोग रेस्टोरेंट में बहुत कम संख्या में आ रहे हैं. रेस्टोरेंट संचालकों की मानें, तो महज 20 फीसदी लोग ही रेस्टोरेंट में खाना खाने आ रहे हैं. रेस्टोरेंट का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में लगभग 400 से अधिक छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण और सरकारी पाबंदियों के कारण वे ठप-से हो गये हैं. कई रेस्टोरेंट में तो ताले भी लटक गये हैं, तो कई रेस्टोरेंट प्रबंधकों ने कर्मचारियों को अवकाश पर भेज दिया है.
अमल्फी ग्रैंड के सीईओ राहुल नमन ने बताया कि कोविड की वजह से ग्राहकों की संख्या घटकर लगभग 50 फीसदी ही रह गयी है. सरकार ने 50 फीसदी क्षमता तय कर दी है. वहीं दूसरी ओर मार्केट रात आठ बजे बंद हो जाते हैं. ऐसे में ऑनलाइन पर ही रात का कारोबार रह गया है. उम्मीद है कि 21 के बाद सरकार कुछ छूट का ऐलान करे.
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चॉकलेट इन के निदेशक शत्रुघ्न गुप्ता ने बताया कि रेस्टोरेंट पर सबसे अधिक असर वक्त को लेकर हुआ है. रात को रेस्टोरेंट आने वाले परिवार चाह कर भी खाना खाने नहीं आ पा रहे हैं. इससे भी रेस्टोरेंट काफी प्रभावित हुआ है. सरकार को मार्केट बंद होने का समय बढ़ाकर कम से कम नौ बजे तक कर देना चाहिए.
पिंड बलूची के प्रबंधक अमित भगत ने बताया कि अभी रेस्टोरेंट के लिए वक्त सही नहीं है. कोरोना से लोग डर गये हैं. वे बाहर खाना खाने से परहेज कर रहे हैं. अभी ऑनलाइन बुकिंग पर आश्रित हैं. 21 तारीख का इंतजार कर रहे हैं. होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना की आहट के साथ ही रेस्टोरेंट का कारोबार प्रभावित होना शुरू हो गया था.