पटना : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैली नोवेल कोरोना महामारी को लेकर बिहार में थोड़ी राहत की बात है. अलर्ट के बाद सूबे में अब तक 57 संदिग्धों की वायरोलॉजी जांच करायी गयी, जिनमें एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 25 जनवरी से लेकर अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 274 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया. हालांकि, इनमें से 86 यात्रियों के 14 दिनी निगरानी टेस्ट में पास कर जाने पर उनको जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया है.
कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय सावधानी है. इसको ध्यान में रखते हुए पटना और गया एयरपोर्टों से लेकर बिहार की सीमा से सटने वाले अंतरराष्ट्रीय बॉर्डरों पर लगातार निगरानी की जा रही है. वायरस का फैलाव रोकने को लेकर राज्य सरकार ने पहले ही स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सहित समूह में इकट्ठा होने जगहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही विदेश, खासकर चीन, यूरोप व गल्फ देशों से आने वाले संदिग्धों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है. पटना एयरपोर्ट से ही अब तक ऐसे 27 लोगों को सर्विलांस में रखा गया है.
फिलहाल संदिग्ध मरीजों में हाल ही में इटली से लौटे झारखंड के आइपीएस अधिकारी से लेकर उनकी डॉक्टर पत्नी भी हैं. फिलहाल इनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं, जिनकी रिपोर्ट सोमवार तक मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में छह संदिग्ध मरीज भर्ती हैं, जिनमें दो की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है और चार की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं, एनएमसीएच में अब तक छह संदिग्ध मरीज भरती हुए, जिनमें पांच को रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर छोड़ दिया गया. साथ ही एम्स और आइजीआइएमएस के साथ ही रेलवे अस्पताल में भी इसको लेकर आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक फिलहाल अगमकुआं के आरएमआरआइ में ही कोरोना वायरस की जांच की व्यवस्था है. लेकिन, जल्द पीएमसीएच, एम्स और आइजीआइएमएस में भी जांच को लेकर किट उपलब्ध करा दिये जायेंगे.
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी के लिए 24 घंटे व सातों दिन चलने वाला कॉल सेंटर 104 जारी किया है. इस पर संदिग्ध लोगों के संबंध में भी जानकारी दी जा सकती है. विभाग के मुताबिक पांच फरवरी से लेकर अब तक इस कॉल सेंटर पर 2088 से अधिक लाेगों ने जानकारी ली है.