Coronavirus In Bihar: विदेश से आए 43 कोरोना संदिग्ध अस्पताल से लापता, जानिए बिहार में कितना है खतरा
गोपालगंज में चीन व ईरान से आये 10 लोगों की हो चुकी है पहचान, मोबाइल पर स्वास्थ्य टीम लगातार कर रही संपर्क साधने का प्रयास
गोपालगंज : बिहार में कोरोना वायरस को लेकर जारी किये गये अलर्ट के बीच सोमवार को विदेशों से आनेवाले लोगों की संख्या 91 तक पहुंच गयी. इनमें से 48 लोगों की पहचान होने के बाद होम आइसोलेशन में रखा गया. जबकि, 43 लोगों का अता पता नहीं चल सका है. इन लोगों का अबतक कोई ट्रेस पता नहीं चल सका है. स्वास्थ्य विभाग की टीम लापता हुए 43 लोगों को लगातार ढूंढ रही है. विभाग की माने तो लापता सभी लोग गोपालगंज के रहनेवाले हैं, जो दो से तीन दिनों के अंदर विदेशों से अपने घर आये हैं, लेकिन इनके घर का पता नहीं चल सका है. विदेशों से आनेवाले लोगों में दुबई, मलेशिया व सिंगापुर के अधिकतर शामिल हैं.
इन देशों से आये हैं 91 लोग
चीन
ईरान
दुबई
मलेशिया
सिंगापुर
हर रोज रिपोर्ट की जा रही तलब
होम साइसोलेशन में रहनेवाले लोगों की सक्रिय रूप से मानिटरिंग होगी. पीएचसी की टीम हर रोज होम आइसोलेशन में रखे लोगों की देखभाल कर रिपोर्ट देगी. एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास तथा दूसरी रिपोर्ट आपदा विभाग को दी जायेगी.
48 का मिला ट्रेस : सिविल सर्जन
गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने बताया कि 91 लोग विदेशों से आये हैं, जिनमें 48 लोगों का पता चल सका है. बाकी के 43 लोगों की तलाश की जा रही है. मोबाइल से भी उनके नंबर पर संपर्क साधा जा रहा है. ट्रेस होनेवाले 48 लोगों में से दर्जनभर लोगों को 14 दिनों तक होम साइसोलेशन में रखने के बाद छोड़ दिया गया है. प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी और क्षेत्र की आशा को निगरानी के लिए लगाया गया है.
जांच में सहयोग नहीं करने पर कार्रवाई
सिविल सर्जन ने कहा कि विदेशों से आनेवाले लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर दो सप्ताह तक होम आइसोलेशन में रखना और उसके बाद 25 दिनों तक निगरानी रखनी है. कोरोना संक्रमण को लेकर जांच में सहयोग नहीं करने पर कार्रवाई का प्रावधान है. सीएस ने कहा कि विदेशों से आनेवाले लोगों की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
आइसोलेशन की बढ़ाई गयी निगरानी
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड की स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है. सोमवार को आइसोलेशन वार्ड की दुबारा साफ-सफाई कराया गया और दवा का छिड़काव किया गया. हालांकि अबतक आइसोलेशन वार्ड में एक भी लोगों को रखा नहीं गया. होम आइसोलेशन में नहीं रहनेवाले लोगों को यहां रखा जायेगा.