महनार : देश-दुनिया में जारी कोरोना संकट का असर इस बार शादी विवाह के सीजन पर भी देखने को मिल रहा है. शादी विवाह के अवसर पर बजने वाली शहनाई की धुन व बैंड बाजा की आवाज कोरोना की वजह से लॉक हो गयी है. शादी के डेट भी आगे बढ़ने लगे हैं. इसका सीधा असर बैंड-बाजा, टेंट व कैटरिंग के व्यवसाय से जुड़े लोगों पर भी पड़ने लगा है. कारीगर व कलाकारों के पास काम धंधे नहीं हैं. उनके समक्ष अब रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. कोरोना संकट के कारण स्थानीय पेशेवर कलाकारों के सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो गयी है.
संगीत गायन और वादन से जुड़े हुए इन कलाकारों ने सरकार से गुहार लगायी है. शादी-विवाह के समय में होने वाली कमाई से ही सालों भर परिवार का भरण पोषण होता था, लेकिन कोरोना से पैदा हुए भय ने शादी-विवाह के आयोजनों को स्थगित करवा दिया है. पूर्व से किये गये साटे-बयाने को रुकवा दिया गया है. कलाकार संगीत की प्रस्तुतियां नहीं दे पायेंगे. इस संबंध में सहदेई बुजुर्ग निवासी गायक गोविंद पंडित एवं कन्हौली निवासी उदय कुमार ने कहा है कि पेशेवर संगीत कलाकार असंगठित क्षेत्र के मजदूर हैं, जो सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय हित में काम करते हैं लेकिन सरकार इनकी ओर ध्यान नहीं देती. इन कलाकारों ने मांग की है कि ऐसे कलाकारों की सूची बनाकर उन्हें जीवन यापन भत्ता दिया जाये.
लॉकडाउन के कारण रद्द हो रहे ऑर्डरलॉकडाउन की वजह से शादी विवाह का सीजन होने के बावजूद टेंट व्यवसायी खाली बैठे हैं. चार माह पहले बुक किये गये ऑर्डर कैंसिल होने से टेंट व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है. लोगों के एडवांस लौटाने पड़ रहे हैं, जिससे टेंट व्यवसायी दुखी हैं.
टेंट व्यवसाय से जुड़े मिथिलेश कुमार गुप्ता उर्फ भोला ने बताया कि अप्रैल-मई में होने वाली शादियों की एडवांस बुकिंग ले रखी थी. मजदूरों को एडवांस में पैसे दे चुके हैं. नये माल के लिए भी पैसे दे चुके थे और माल भी आ चुका है. लॉकडाउन के चलते सारे आर्डर कैंसिल हो गये और अब लोगों के एडवांस भी लौटाने पड़ रहे हैं.