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कोरोना का खौफ: डॉक्टर से लेकर लैब तकनीशियन तक दहशत में कर रहे हैं काम

रिस्क से भरे काम को देखते हुए सरकार हमें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने की घोषणा करने की मांग की

By Radheshyam Kushwaha | March 18, 2020 10:32 AM

पटना. पीएमसीएच के आइसोलशन वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स और दूसरे कर्मचारी इन दिनों भारी दहशत में काम कर रहे हैं. यह सभी भारी दबाव में यहां काम कर रहे हैं. हाल ये है कि कई डॉक्टर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि कोराना का डर हमें भी है. लैब तकनीशियनों ने मंगलवार की शाम पीएमसीएच आये स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से भी मिलकर अपनी परेशानी रखी. उन्होंने मंत्री को दिये एक ज्ञापन में मांग की है कि हमारे रिस्क से भरे काम को देखते हुए सरकार हमें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने की घोषणा करे. उन्होंने कहा कि हमें एक मुश्त मानदेय के अलावा किसी तरह का आर्थिक लाभ नहीं मिलता. ऐसे में अगर हमें कुछ हुआ तो हमारा परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो जायेगा. वहीं एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना से जुड़े मामले में सरकारी डॉक्टर, नर्स और दूसरे कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी करनी ही है. अगर ये अच्छा काम करते हैं तो कोरोना की समस्या दूर होने के बाद उन्हें सम्मानित किया जायेगा.

कोरोना के दस संदिग्ध चिह्नित, चार को मिली छुट्टी

बिहार की राजधानी पटना में कोरोना के संदिग्धों की पहचान को लेकर राज्य सरकार तमाम प्रयास में जुटी है. इसी के तहत मंगलवार को एक जापानी नागरिक सहित दस संदिग्धों की पहचान कर उनको विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है. इनमें से पांच संदिग्ध पीएमसीएच में भर्ती हुए. इनमें से दो बच्चे हैं. इनमें पहला बच्चा पिछले दिनों दुबई की यात्रा कर लौटा है, जबकि दूसरा पटना का ही रहने वाला है और उसकी छाती में संक्रमण है. शेष तीन मरीज विदेशों नहीं गये थे, लेकिन कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण लेकर यहां पहुंचे हैं. इनके यहां आने के बाद कुल भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ कर 10 हो गयी है.

दो मरीजों की आयी निगेटिव रिपोर्ट

पीएमसीएच आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दो संदिग्ध मरीजों की मंगलवार को निगेटिव रिपोर्ट आयी है. पूर्व में यहां भर्ती सभी मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है और किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है. यहां भर्ती आइपीएस अधिकारी और उनकी डॉक्टर पत्नी को मंगलवार को छुट्टी दे दी गयी है. उनकी निगेटिव रिपोर्ट सोमवार को ही आ गयी थी. हालांकि एहतियात के तौर पर उन्हें 14 दिनों तक घर पर ही रहने की सलाह डॉक्टरों ने दी है. संक्रामक रोग अस्पताल में भर्ती दो संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मंगलवार को छुट्टी दे दी गयी है. आइसोलेशन वार्ड में अब तक सात संदिग्ध मरीज को भर्ती कर जांच करायी गयी. इसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी है.

दस और सैंपल पहुंचा आरएमआरआइ में जांच को

अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में कोरोना वायरस की बीमारी की जांच के लिए मंगलवार को 10 और सैंपल बिहार के विभिन्न जिलों से पहुंचा. संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप दास ने बताया कि संस्थान में अब तक 43 सैंपल जांच को पहुंचा है. इसमें 35 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है. निदेशक ने बताया कि कोरोना वायरस के साथ-साथ संदिग्ध मरीजों के स्वाइन फ्लू की जांच भी करायी जा रही है.

जापान का एक कोरोना संदिग्ध मरीज मगध मेडिकल में भर्ती

मगध मेडिकल स्थित आइसोलेशन वार्ड में जापान के एक 50 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना वायरस के संदिग्ध होने की आशंका पर भर्ती किया गया है. अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि जापान के रहनेवाले 50 वर्षीय नौवकी हिको शाका खुद ही अस्पताल में सर्दी-खांसी व बुखार का इलाज कराने पहुंचे थे. वहीं, पूर्वी चंपारण के छौड़ादानो प्रखंड क्षेत्र स्थित एक गांव में कोरोना संदिग्ध मिलने पर उसे सदर अस्पताल मोतिहारी के आइसोलेटेड वार्ड में भेज दिया गया है. पटना जिले के दनियावां प्रखंड के मुरेड़ा गांव से कोरोना के दो संदिग्ध मरीज को पीएमसीएच भेजा गया है. दोनों युवक लाल बाबू मांझी (26 वर्ष)और वीरेंद्र मांझी (28 वर्ष) तमिलनाडु से लौटे हैं. वहीं, नौबतपुर के निजी नर्सिंग होम में मंगलवार को इलाज कराने पहुंची एक महिला को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के शक में पीएमसीएच भेजा गया. महिला अपने पति संग जर्मनी में रहती है. पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस को लेकर मचे बवाल के बाद वह तीन दिन पहले जर्मनी से अपने मायके नौबतपुर आयी थी. सांस लेने में तकलीफ के बाद चिकित्सकों ने उसे कोरोना वायरस के शक होने पर पटना रेफर कर दिया

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