औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद में किरायेदारों की इस समय परेशानी और अधिक बढ़ गयी है. इधर, महामारी बन चुकी कोरोना का दहशत सर चढ़कर बोल रहा है तो वहीं किरये के मकान पर रह रहे लोगों से मकान मालिक खाली करने का दबाव बना रहे है. सरकार द्वारा 31 मार्च तक औरंगाबाद को किये गये लॉक डाउन के बाद स्थिति कुछ हद तक सुधरी है और अफवाहों पर भी विराम लगा है. अब लोग घर में है तो सोच भी घरों तक ही सिमटकर रह गयी है. इधर, औरंगाबाद शहर में कोरोना से दहशत का कारण है तो किराये पर रहने वाले लोगों के लिए फजीहत बन गया है. कई परिवारों को उनके मकान मालिकों ने या तो उन्हें उनके घर भेज दिया या मकान खाली करा दिया.
कुछ लोग ऐसे है जो लॉक डाउन के कारण अपने गांव या संबंधी के पास नहीं जा सकते,लेकिन मकान मालिकों का प्रेशर उनपर लगातार बन रहा है. क्षत्रिय नगर में ऐसे कई लोगों को उनके मकान मालिकों ने निकाल दिया, जो काफी दिनों से किराये के मकान में रह रहे थे. एक व्यक्ति ने बताया कि एक तरफ लॉक डाउन तो दूसरी तरफ मकान मालिक का प्रेशर कोरोना बीमारी पर भी भारी पड़ रहा है. इसी तरह न्यू एरिया, शाहपुर, टिकरी मुहल्ला से भी मामला सामने आया है. ये अलग बात है कि अब तक पुलिस में इसकी शिकायत नहीं पहुंची है. मकान मालिकों का तर्क है कि वे कोरोना को लेकर सावधानी बरत रहे है और उनके किरायेदार अपने घर में भीड़ लगाये हुए है.
प्रणाम-अभी हम नहीं मिल सकते आपसे
कोरोना नाम की महामारी से हर कोई बचने की जुगाड़ लगा रहा है. जरूरी भी है. अभी जो स्थिति है उससे अपनो ने ही अपनों से दूरी बना ली है. अधिकांश घरों के लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे है. कई मुहल्लों में घरों के दरवाजे पर घर वालों ने पोस्टर चिपका दी है, जिसमें स्पष्ट कहा है कि अभी कोई भी सेवा वे नहीं कर सकते है. क्षत्रिय नगर में अमित सिंह नामक व्यक्ति के घर के गेट पर एक पोस्टर चिपका हुआ पाया गया, जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ था कि प्रणाम-अभी हम नहीं मिल सकते आपसे. वैसे यह एहतियात के लिए जरूरी है. अभी जो स्थिति है उसके अनुसार हर व्यक्ति खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें.