बिहार में कोरोना काल में बदली चुनावी रणनीति, वर्चुअल प्लेटफार्म का बढ़ा इस्तेमाल

बिहार में कोरोना संकट के बीच वर्चुअल पॉलिटिक्स का आगाज़ हो चुका है. बीजेपी ने वचुर्अल रैली से विधानसभा चुनाव को लेकर रैली शुरू कर दी है. जबकि, जेडीयू ने वर्चुअल क्राफेंस के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है. मुख्य विपक्षी पार्टी आरेजडी भी डिजिटल स्पेस का खूब इस्तेमाल कर रही है. सोशल साइट्स के जरिए जनता तक अपनी बातों को पहुंचाया जा रहा है. दरअसल, बिहार में गर्मी के साथ ही चुनावी सरगर्मी भी बढ़ गयी है. पीएम मोदी की चिट्ठी पहुंचाने के बहाने पटना की गलियों में बीजेपी नेता घूमने लगे हैं. इस दौरान मतदाताओं से मुलाकात करके पीएम नरेंद्र मोदी की चिट्ठी के साथ केंद्र सरकार की उपलब्धियों भरी बुकलेट दे रहे हैं. कोशिश ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच उपलब्धियों को पहुंचाना है.

By Abhishek Kumar | June 11, 2020 2:43 PM

बिहार में कोरोना संकट के बीच वर्चुअल पॉलिटिक्स का आगाज हो चुका है. बीजेपी ने वर्चुअल रैली से विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. जबकि, जेडीयू ने वर्चुअल क्रांफेंस के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी भी डिजिटल स्पेस का खूब इस्तेमाल कर रही है. सोशल साइट्स के जरिए जनता तक अपनी बातों को पहुंचाया जा रहा है. दरअसल, बिहार में गर्मी के साथ ही चुनावी सरगर्मी भी बढ़ गयी है. पीएम मोदी की चिट्ठी पहुंचाने के बहाने पटना की गलियों में बीजेपी नेता घूमने लगे हैं. इस दौरान मतदाताओं से मुलाकात करके पीएम नरेंद्र मोदी की चिट्ठी के साथ केंद्र सरकार की उपलब्धियों भरी बुकलेट दे रहे हैं. कोशिश ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच उपलब्धियों को पहुंचाना है.

जेडीयू का वर्चुअल सम्मेलन, बतायी जा रही उपलब्धियां

खास बात यह है कि बीजेपी ने 7 जून को वर्चुअल पॉलिटिक्स का आगाज किया. पार्टी ने वर्चुअल रैली में एलइडी स्क्रीन के जरिए लोगों तक अपनी बातों को पहुंचाया. जेडीयू भी वर्चुअल स्पेस को जीतने की दौड़ लगा रही है. पार्टी के ट्विटर हैंडल से लेकर दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगातार अपडेट्स किये जा रहे हैं. खुद सीएम नीतीश कुमार वर्चुअल सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं से मुखातिब हो रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक बिहार की जनता अपराध, अपहरण, नरसंहार के पुराने दौर को नहीं देखना चाहती है. उनका दावा है कि काम की बदौलत चुनाव में जीत मिलेगी. पंद्रह सालों में किए गये ढांचागत और बुनियादी विकास के जरिए जनता का भरोसा कायम है. उन्होंने साफ किया है कि बिहार में शराबबंदी जारी रहेगी. जेडीयू ने आरजेडी से सवाल करके दिखा दिया है कि आने वाले दिनों में हमले और भी तेज होंगे.

आरजेडी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर मौजूद 

अगर बिहार की विपक्षी पार्टी आरजेडी की बात करे तों वो भी लगातार डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही है. पार्टी के नेता फेसबुक और ट्विटर के अलावा दूसरे माध्यमों के जरिए अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान तेजस्वी यादव फेसबुक और ट्विटर से लगातार समर्थकों से जुड़े रहे. हालांकि, आरजेडी दूसरी पार्टियों जैसी तैयारी नहीं होने की बात तो मानती है, लेकिन, उसका मानना है कि पार्टी लड़ाई में पीछे नहीं है. जबकि, कांग्रेसी खेमा फिलहाल शांत है. दरअसल, डिजिटल स्पेस ने राजनीति को नया विस्तार दिया है. कोरोना की वजह से ही सही पर राजनीति के मूड को बदलने का दौर देखने को मिल रहा है. हालांकि, पहले भी डिजिटल स्पेस का चुनाव प्रचार में बखूबी इस्तेमाल हो चुका है. बड़ी बात यह है कि अभी बिहार में औपचारिक रूप से चुनाव प्रचार का आगाज नहीं हुआ है.

Next Article

Exit mobile version