पटना : चीन और इटली में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस के संकट से अब पूरी दुनिया में जूझ रहा है. भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भारत में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या 250 के आंकड़े को पार हो चुकी है. इस वायरस से बचने के लिए बिहार की राजधानी पटना में लोग घरों से कम निकल रहे हैं, जिसका असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है.
बता दें कि कई महीनों से पटना में वाहन प्रदूषण के खिलाफ जांच अभियान चलायाजा रहा था. जगह-जगह मिनी बस और टेंपू समेत विभिन्न कॉमर्शियल वाहनों के प्रदूषण स्तर को मोबाइल स्मोक मीटर से चेक किया जा रहा था और निर्धारित मात्रा से अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जा रही थी. इसके बाद भी न तो वाहनों द्वारा छोड़े जा रहे प्रदूषणकारी गैसों की मात्रा कम हो रही थी और न ही वायु प्रदूषण में कमी आ रही थी. लेकिन, कोरोना के भय से सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या मेंआयी भारी गिरावट आने के कारण पिछले सात-आठ दिनों से इसमें काफी सुधार दिखता है.
पटना शहर में अलग-अलग जगहों पर स्थि त एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन में लगाये गये प्रदूषण मापक यंत्र की रीडिंग से इसका पता चला है. कार्बन डाइऑक्साइड, कार्ब न मोनो ऑक्साइड,सल्फर डाइक्सा इड, नाइट्रस ऑक्साइड और अमोनिया की मात्रा और एयर क्वालिटी इंडेक्स में 19 फरवरी की तुलना में 19 मार्च को 33 से 35% तक सुधार देखने को मि ली. इन सबसे स्वास्थ्य को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाले पीएम 2.5 में भी बहुत कमी आयी है.
मुरादपुर 19 फरवरी 19 मार्च
एयर क्वालिटी इंडेक्स 198 134 (33% की कमी)
प्रदूषणकारी पहले अब
पीएम 2.5 225 99
पीएम 10 433 152
एसओ 2 11 11
सीओ 125 66
राजवंशीनगर 19 फरवरी 19 मार्च
एयर क्वालिटी इंडेक्स 165 111(33% की कमी)
प्रदूषणकारी अधिकतम पहले अब
पीएम 2.5 305 110
एनएच 3 11 6
सीओ 107 105
समनपुरा 19 फरवरी 19 मार्च
एयर क्वालिटी इंडेक्स 216 142(35% की कमी)
प्रदूषणकारी अधिकतम पहले अब
पीएम 2.5 335 182
पीएम 10 228 138
एनओ 2 52