पटना. पटना में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज पटना सदर प्रखंड यानी पटना शहर में हैं. बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पटना में सोमवार सुबह आठ बजे तक कोरोना के कुल 1940 एक्टिव केस थे. इसमें सबसे ज्यादा पटना सदर प्रखंड में 1387 केस हैं. वहीं, इसके बाद सबसे अधिक फुलवारी शरीफ में 99, बाढ़ में 89, संपतचक में 80, दानापुर में 62, मसौढ़ी में 30, मोकामा में 27 एक्टिव केस हैं. अन्य प्रखंडों में इससे भी कम एक्टिव केस हैं. बेलछी, धनरूआ, मनेर, दनियावां में तो चार-चार एक्टिव केस ही हैं.
जिले के इन 1940 एक्टिव केसों में से 1727 मरीज होम आइसोलेशन में हैं, यानी उनमें हल्के लक्षण हैं और वे घर में रहकर ही ठीक हो रहे हैं. दूसरी ओर जिले के विभिन्न अस्पतालों में अभी 213 मरीज भर्ती हैं. सोमवार सुबह के इन आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में 552 मरीज कोरोना से लड़कर रिकवर हुए. वहीं जिले के कुल एक्टिव केसों में 1267 पुरुष और 673 महिलाएं शामिल हैं.
सोमवार सुबह तक बीते 24 घंटों के दौरान जिले में 155 नये कोरोना मरीज मिले हैं. इसमें आइजीआइएमएस की लैब में सबसे अधिक 39 पाॅजिटिव केस मिले हैं, वहीं पटना एम्स की लैब में 24, सरल पैथ लैब में हुई जांच में 28, आरएमआरआइ में हुई जांच में 23 पाॅजिटिव केस शामिल हैं.
कोरोना जांच को लेकर बिहार सरकार ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि पिछले 15 दिनों में बिहार में 19 लाख लोगों की कोरोना जांच की गयी. कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव को लेकर सरकारी व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग कर रहे मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ में यह रिपोर्ट पेश की गयी.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि वह इस संबंध में ज़िले वार रूप से पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं. कोर्ट यह जानना चाहा था कि राज्य में कोरोना जांच की क्या स्थिति है. सरकार द्वारा मई महीने का रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गयी. रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पिछले 15 दिनों मे करीब 19 लाख लोगो की कोरोना जांच हुई है. इसमें बक्सर जिले में 27 मई को 69,981 लोगो का कोरोना टेस्ट हुआ .
इसमें कुल 2076 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये . रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर में 2.97 प्रतिशत पॉजिटिव दर है. बिहार सरकार द्वारा बताया गया है कि राज्य के हर जिले में कोरोना जांच कराने के लिए मोबाइल टीम गठित की गयी है. जिससे आरटीपीसीआर और रैपिड ऐंटिजेन टेस्ट को और भी सक्रिय तरीके से बढ़ाया जा सके. कोर्ट को यह भी बताया गया कि बक्सर ज़िले में एक भी आरटीपीसीआर लैब नहीं हैं.
Posted by Ashish Jha