पटना. पांच सौ रुपये प्रति बोतल लेंगे. यस या नो बोलिए, बहुत लोग इंतजार में हैं.. यह बात एक कंपाउंडर और मरीज के परिजनों के बीच हो रही बातचीत का एक हिस्सा है. कोरोना काल में कंपाउंडर भी मरीज के घर पर आने से परहेज कर रहे हैं. संपर्क करने पर सबसे पहले परिजनों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर ले रहे हैं. उसके बाद सेवा देने से इन्कार कर दे रहे हैं.
कई कंपाउंडर तो डॉक्टर का पर्चा पहले दिखाने को कह रहे हैं. ऑनलाइन डॉक्टरी सलाह को मानने से इन्कार कर रहे हैं, जबकि इस वक्त लगभग 90 फीसदी मरीजों का इलाज डॉक्टर की देख-रेख में होम आइसोलेशन में चल रहा है. दबाव डालने और काफी मिन्नत आरजू करने पर तैयार हो रहे हैं.
पोस्टल पार्क के एक परिजन ने 10 से अधिक कंपाउंडरों के दरवाजे पर दस्तक दिया, लेकिन दो को छोड़ कोई आने को तैयार नहीं हुआ. एक ने कहा कि 800 से एक रुपया कम नहीं लगेगा. अगर मंजूर हो, तो फोन कर दीजियेगा. 20-30 मिनट के अंदर आ जायेंगे.
वहीं, दूसरे कंपाउंडर ने कहा, 500 रुपये प्रति बोतल लगेगा. पहले यह बताइये कि कितना बोतल पानी चढ़ेगा. तो परिजन के कहा कि अभी एक बोतल चढ़ाना है. इसे सुनते ही कंपाउंडर ने कहा कि कम से कम तीन बोतल चढ़ेगा, तो आयेंगे नहीं, तो आप दूसरा ढूंढ़ लीजिये.
जब उसने डॉक्टर से आपबीती सुनायी तो उन्होंने सलाह दी कि उसे कहें कि दो बोतल स्लाइन चढ़ेगा. तब वह आने को तैयार हुआ. जब स्लाइन चढ़ाने के लिए बुलाया गया, तो उसने किट लगाकर स्लाइन शुरू कर कहा, रैपर तक पानी आ जाये तो फोन कर दीजियेगा हम आ जायेंगे. यानी आधे घंटे का वक्त दिया और 500 रुपये प्रति स्लाइन का पेमेंट लिया और चलता बना. यह हाल कर मुहल्ले-कस्बे की है.
Posted by Ashish Jha