60 लाख जरूरत, 16 लाख ऑर्डर, बन रहे प्रतिदिन महज 35 हजार, जानें कब मिलेगा हर गरीब को छह मास्क
कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को छह - छह मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया. 20 अप्रैल को पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी डीएम, डीडीसी व जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र लिखकर यह आदेश जारी कर दिया. इसके लिये राशि भी 15 रुपये प्रति मास्क तय कर दी गयी.
मुजफ्फरपुर. कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को छह – छह मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया. 20 अप्रैल को पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी डीएम, डीडीसी व जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र लिखकर यह आदेश जारी कर दिया. इसके लिये राशि भी 15 रुपये प्रति मास्क तय कर दी गयी.
सरकारी आदेश के बाद भी अब तक 1587476 ( 15 लाख 87 हजार 476 ) मास्क का ऑर्डर जीविका को दिया गया . जीविका के पास अब तक तैयार मास्क 280687 ( दो लाख 80 हजार 687 ) था, जिसे संबंधित पंचायत सचिव को उपलब्ध करा दिया है. बीडीओ व पंचायत सचिवों के द्वारा दिये गये मास्क बनाने के वर्क ऑर्डर को पूरा करने के लिये जीविका की करीब 700 दीदियां मास्क बनाने में जुटी हैं.
जीविका की ये दीदियां प्रतिदिन करीब 30 से 35 हजार तक मास्क तैयार कर रहीं हैं. ऐसी स्थिति में करीब डेढ़ माह का समय तो अब तक ऑर्डर मिले मास्क को ही तैयार करने में लग जायेगा. मास्क बनाने के लिये जो ऑर्डर दिया गया है वह अनुमानित लक्ष्य का करीब 25 प्रतिशत ही है.
जिला पंचायती राज पदाधिकारी फैयाज अख्तर ने बताया कि एक वार्ड में अनुमानतः 200 परिवार माना जाता है. जिले के सभी ग्राम पंचायतों को मिलाकर 5324 वार्ड है. वार्डों की संख्या के हिसाब से अनुमानतः परिवारों की संख्या 1064800 ( 10 लाख 64 हजार 800 ) हो जाती है. प्रति परिवार छह मास्क देना है जो संख्या 6388800 (63 लाख 88 हजार 800) होता है.
अब इससे यह सहज ही पता लगाया जा सकता है कि इतनी संख्या में मास्क तैयार कर लोगों को कब तक उपलब्ध कराया जायेगा. जीविका की दीदियां भी इसको लेकर काफी उत्साहित नहीं दिख रहीं हैं क्योंकि पिछले साल कई पंचायतों के मुखिया ऑर्डर देने के बाद भी मास्क लेने नहीं आये. पिछले साल पंचायतों के लिये तीन लाख से भी कम मास्क जीविका से लिये गये.
खादी ग्रामोद्योग ने मास्क देने से किया इनकार
जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बताया कि डीडीसी ने मास्क को लेकर बैठक बुलायी थी. उसमें 15 रुपये प्रति मास्क देने की बात कही गयी. हमने 20 रुपये प्रति मास्क, और 50 प्रतिशत राशि अग्रिम देने की मांग की, ताकि मजदूरों को समय से मजदूरी मिल जाये, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी. पिछले साल पंचायतों ने ऑर्डर दिया, लेकिन मास्क नहीं लिया. जिसके कारण करीब चार लाख सिलाई खर्च और कपड़ा भी लग गया.
अब तक पिछले ऑर्डर का करीब 30 हजार मास्क बचा हुआ है. उधर], जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सिर्फ मुशहरी बीडीओ चार हजार मास्क ले गये हैं और कहीं से कोई संपर्क नहीं किये हैं. स्टाॅक में करीब आठ हजार मास्क है. 20 कैदी प्रतिदिन करीब 1000 मास्क तैयार करते है.
Posted by Ashish Jha