Coronavirus in Bihar : फिर टूटा रिकॉर्ड, बिहार में मिले 12222 नये कोरोना मरीज, 24 घंटे में 17 प्रतिशत की उछाल

प्रदेश में कोरोना संक्रमण काफी तेज हो गयी है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में अब तक के सर्वाधिक 12,222 नये कोरोना संक्रमित पाये गये, जो एक लाख पांच हजार 980 सैंपलों की जांच में मिले. 20 अप्रैल से 1767 (16.90%) अधिक नये मरीज मिले हैं, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 11.53% हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2021 6:22 AM

पटना. प्रदेश में कोरोना संक्रमण काफी तेज हो गयी है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में अब तक के सर्वाधिक 12,222 नये कोरोना संक्रमित पाये गये, जो एक लाख पांच हजार 980 सैंपलों की जांच में मिले. 20 अप्रैल से 1767 (16.90%) अधिक नये मरीज मिले हैं, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 11.53% हो गयी है.

इधर, 24 घंटे में 4774 मरीज स्वस्थ हुए, जबकि 56 की मौत हो गयी. पटना जिला अब भी कोराेना संक्रमण के लिहाज से सर्वाधिक संवदेनशील बना हुआ है, जहां सबसे अधिक 2919 मरीज मिले, जाे अब तक का रिकॉर्ड है. 20 अप्रैल की तुलना में यहां 33.53 फीसदी यानी 733 अधिक नये केस मिले हैं.

पटना के बाद गया में 861, सारण में 636, बेगूसराय में 587, औरंगाबाद में 560, भागलपुर में 526, पश्चिमी चंपारण में 516 , मुजफ्फरपुर में 445, पूर्णिया में 318, वैशाली में 311 , नवादा में 268 , सीवान में 263, पूर्वी चंपारण में 260, कटिहार में 249, मुंगेर में 229, नालंदा में 225,गोपालगंज में 211, खगड़िया में 200, नये मरीज मिले हैं.

सुपौल 194, मधुबनी में 178, सहरसा में 175, रोहतास में 174 , समस्तीपुर व जमुई में 168-168, बक्सर में 148, मधेपुरा में 146, शेखपुरा में 144, भोजपुर में 142, लखीसराय में 104 नये मरीज मिले हैं.

वहीं, अरवल में 98, अररिया 97, कैमूर में 87, किशनगंज में 86, सीतामढ़ी में 85, बांका में 71 और शिवहर में 65 नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों से आकर बिहार के विभिन्न जिलों में जांच कराने वाले 66 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं.

रेमडेसिविर फायदेमंद नहीं, इसे नहीं लिखें डॉक्टर : अधीक्षक

एनएमसीएच के अधीक्षक ने बुधवार को कहा कि रेमडेसिविर कोरोना के इलाज में फायदेमंद नहीं है. उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस इंजेक्शन को नहीं लिखें. इससे मरीजों में पैनिक हो रहा है. उन्होंने कहा कि हाल के शोध में ऐसी जानकारी मिली है कि इसकी उपयोगिता कोरोना के इलाज के लिए नहीं है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी उपयोगिता को नकार दिया है.

Posted by Ashish Jha

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