बिहार में कोरोना का कहर, मंदिर में आरती करने पर भी लगी रोक
कोरोना वायरस के कारण 31 मार्च तक बिहर के बक्सर में धार्मिक आयोजनों समेत मंदिरों समूह में पूजा-पाठ किये जाने पर भी रोक लगा दिया गया है
बक्सर : पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जो रही है. भारत में भी इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 70 तक पहुंच गयी है, इससे बचने के लिये लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने के लिये कहा जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भी हर तरह के सामूहिक कर्यक्रमों पर भी रोक लगा दिया है.
धार्मिक आयोजनों व आरती पर भी लगी रोक
31 मार्च तक बिहर के बक्सर में धार्मिक आयोजनों समेत मंदिरों समूह में पूजा-पाठ किये जाने पर भी रोक लगा दिया गया है. इसके साथ ही साथ बक्सर शहर स्थित नगर भवन, कला भवन में किसी भी तरह के आयोजन पर भी प्रतिबंध रहेगा. कोरोना वायरस को लेकर ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा के आयोजन भी स्थगित रहेगा. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन भी तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है.
स्कूलों की परीक्षाएं स्थगित
बिहार सरकार से संचालित स्कूलों में परीक्षाओं को तत्काल स्थगित कर दी गयी हैं. हालांकि इस दौरान शिक्षक सामान्य दिनों की अपेक्षा विद्यालय में उपस्थित रहेंगे. इधर, सीबीएसइ विद्यालयों में संचालित होने वाली परीक्षाओं पर रोक के लिए सरकार से कोई निर्णय नहीं है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में सीबीएसइ का अपना निर्णय है. सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं आया है.
कोरोना वायरस की भेंट चढ़ी शिक्षकों की हड़ताल
गत 27 दिनों से चला आ रहा शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल करोना वायरस का भेंट चढ़ गया. धारा 144 लागू होते ही शिक्षक शनिवार को धरनास्थल नहीं पहुंचे. यही हाल सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ गत दो माह से कवलदह पोखरा स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष अनिश्चितकालीन हड़लाल का भी रहा. हम भारत के बैनर तले जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल भी खत्म हो गया. जिस कारण उन जगहों पर शनिवार को सन्नाटा रहा.
कोरोना वायरस के भय से व्यवसायिक मंडियां भी चपेट में
कोरोना वायरस से हर कोई भी भयभीत है. इस कारण शहर के व्यावसायिक मंडियों में भी उदासी छा गयी है. मुर्गा व मांस की मंडियों में तो सन्नाटा पसरा ही है. चीन निर्मित सामान की मांग कम होने से अन्य दुकानों पर भी ग्राहकों की आवक कम हो गयी है. चीन निर्मित गुड़ियां की सामान बाजार में नहीं के बराबर बिक रही है.