Coronavirus in Bihar : बिहार को रोजाना 20 लाख लीटर ऑक्सीजन की जरूरत, डेढ़ से दो लाख लीटर रोजाना हो रहा उत्पादन
राज्य में कोरोना के इस दौर में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है. इसकी आपूर्ति की हर तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक अनुमान के अनुसार, राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को रोजाना करीब 20 लाख लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी है.
कौशिक रंजन, पटना. राज्य में कोरोना के इस दौर में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है. इसकी आपूर्ति की हर तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक अनुमान के अनुसार, राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को रोजाना करीब 20 लाख लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी है.
इधर, बड़ी संख्या में लोगों ने ऑक्सीजन सिलिंडर खरीद कर घरों में जमा करना भी शुरू कर दिया है. इससे भी इसकी मांग बढ़ गयी है. इसकी डिमांड में अचानक करीब 13 से 14 गुना तक की बढ़ोतरी हो गयी है. पहले राज्य में डेढ़ से दो लाख लीटर रोजाना के आसपास ही इसकी डिमांड होती थी, जो यहां के ऑक्सीजन प्लांट से पूरे हो जाते थे.
राज्य के औषधि निदेशक से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में अभी 18 ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं. इनमें करीब छह से सात प्लांटों को आनन-फानन में कोरोना काल में लाइसेंस दिया गया है, परंतु इतनी जल्दी लाइसेंस देने की वजह से इन प्लांट को पूरी तरह से चालू होने में थोड़ा समय लगेगा. अगर ये सभी प्लांट पूरी क्षमता से चालू भी हो जायेंगे, तो इनसे अधिकतम उत्पादन आठ से नौ लाख लीटर ही हो पायेगा. ऐसे में केंद्रीय स्तर से मिलने वाली अतिरिक्त सहायता के अलावा इस बड़ी डिमांड को दूर करने का फिलहाल अन्य कोई दूसरा माध्यम नहीं है.
हालांकि, स्वास्थ्य महकमे के पास फिलहाल ऐसा कोई सटीक आंकड़ा नहीं है कि राज्य में ऑक्सीजन की डिमांड और उत्पादन कितनी है. वर्तमान में एक अन्य समस्या भी सामने आ रही है कि राज्य में जिन नये ऑक्सीजन प्लांट को लाइसेंस दिया जा रहा है, वह सिर्फ तीन महीने के लिए है. हालांकि, इस मामले में राज्य औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार सिन्हा का कहना है कि इनका प्रदर्शन देखने के बाद ही इसे पांच साल के लिए रिन्यू किया जायेगा. ऐसे में ये नये प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं.
एम्स को केस स्टडी के तौर पर देखें
कोरोना के इलाज के लिए पटना एम्स अस्पताल को खासतौर से चिह्नित किया गया है. ऐसे में यहां ऑक्सीजन की खपत पर नजर डालें, तो वास्तविक खपत का एक काफी सटीक खांका मिल जायेगा. एम्स के डीन उमेश भदानी के अनुसार यहां रोजाना तकरीबन 90 हजार से एक लाख लीटर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.
एम्स में कोरोना के मरीजों के लिए 250 सामान्य ऑक्सीजन बेड और 60 आइसीयू हैं. कोरोना के सामान्य रूप से गंभीर मरीज को 60 से 70 लीटर ऑक्सीजन प्रति घंटे जरूरत पड़ती है. आइसीयू या हाइ-फ्लो वाले मरीजों को 60 लीटर प्रति मिनट तक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है.
‘जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे ऑक्सीजन और दवाइयां’
राजधानी के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनुपलब्धता पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आॅक्सीजन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग है. जिला प्रशासन सरकारी एवं निजी अस्पतालों में आॅक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने के लिए लगातार काम कर रहा है.
पहले से स्थिति सामान्य हुई है.आॅक्सीजन की सप्लाई और रिफिलिंग का काम निरंतर जारी है. सभी जगहों पर डीएम की निगरानी में आॅक्सीजन की आपूर्ति हो रही है. जरूरतमंद लोगों तक आॅक्सीजन की आपूर्ति और जीवनरक्षक दवाइयां मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग हर दिशा में काम कर रहा है.
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से उपजे हालात की लगातार समीक्षा कर सरकारी और निजी अस्पतालों में आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर नियमित माॅनीटरिंग कर रहा है. अभी 118 मीटरिक टन से भी ज्यादा आॅक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न अस्पतालों में रोज हो रही है.
सोमवार को ही अहमदाबाद से रेमडेसिविर का 14 हजार डोज विशेष विमान से पहुंचा. उन्होंने कहा कि सोमवार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आॅक्सीजन की उपलब्धता सहित अन्य विषयों पर व्यापक चर्चा की गयी.
मुख्यमंत्री को कोरोना के ताजा स्थिति से अवगत कराया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं. स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को लेकर हर स्तर पर काम कर रहा है. मरीजों के उपचार के अलावा टेस्टिंग और वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से हो रहा है.
एक ओर जहां पूरे देश में जहां 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हुआ, वहीं बिहार में अब तक 65 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका पड़ा है. राज्यवासी धैर्य रखें और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, ताकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सफलता मिल सके.
Posted by Ashish Jha