Coronavirus in Bihar : गाइडलाइन के बावजूद बिहार के निजी अस्पताल इलाज में वसूल रहे अधिक फीस

राज्य सरकार के गाइडलाइन के बावजूद राज्य के निजी अस्पताल कोरोना रोगियों के इलाज में तय सीमा से अधिक फीस की वसूली कर रहे हैं. इस संबंध में हाल ही में केरल में भी विवाद हुआ था, लेकिन वहां की सरकार ने अपने आदेश में जो फीस तय किया है वह बिहार सरकार द्वारा तय फीस से भी कम है. इस मामले की मॉनीटरिंग केरल हाइकोर्ट भी कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2021 11:18 AM

पटना. राज्य सरकार के गाइडलाइन के बावजूद राज्य के निजी अस्पताल कोरोना रोगियों के इलाज में तय सीमा से अधिक फीस की वसूली कर रहे हैं. इस संबंध में हाल ही में केरल में भी विवाद हुआ था, लेकिन वहां की सरकार ने अपने आदेश में जो फीस तय किया है वह बिहार सरकार द्वारा तय फीस से भी कम है. इस मामले की मॉनीटरिंग केरल हाइकोर्ट भी कर रहा है.

इस मामले पर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के महासचिव डॉ सहजानंद प्रसाद कहते हैं कि इस संबंध में जानकारी नहीं है. वे समय बीमार हैं और दो-तीन दिन बाद ठीक होने पर इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से बात कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे.

मरीजों के लिए भी तीन कैटेगरी बांटी गयी थी

सामान्य, गंभीर और अति गंभीर मरीज. उदाहरण के तौर पर वेंटिलेटर वाले आइसीयू, बिना वेंटीलेटर वाले आइसीयू और सपोर्टिव केयर (ऑक्सीजन) सहित आइसोलेशन बेड की फीस पीपीइ किट की कीमत के साथ तय की गयी थी. इसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि मरीज के इलाज में सामान्य से लेकर महंगी जांच की फीस अलग से देनी पड़ेगी या वह तय की गयी फीस में शामिल है.

कैटेगरी में बांटे गये थे अस्पताल

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने 20 अगस्त, 2020 को निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना रोगियों के इलाज की फीस तय की थी. इसमें जिलों की तीन कैटेगरी और अस्पतालों की एनएबीएच मान्यता प्राप्त और एनएबीएच गैरमान्यता कैटेगरी बांटी गयी थी.

केरल में तय की गयी फीस यहां से भी कम

दूसरी तरफ हाल ही में केरल सरकार द्वारा कोरोना के इलाज के लिए तय की गयी फीस बिहार की तुलना में कम है. उदाहरण के तौर पर वेंटिलेटर वाले आइसीयू की अधिकतम फीस बिहार में 18000 रुपए पीपीइ किट के साथ है. वहीं केरल में करीब 15 हजार 180 रुपए है.

Posted by Ashish Jha

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