पटना़ कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. वर्तमान से भी खतरनाक हालात पैदा होंगे. इससे लड़ने के लिये सरकार को युद्ध स्तर पर तैयारी में अभी जुट जाना होगा. तत्काल से ही प्रभावी होने वाले दीर्घकालीन निर्णय नहीं लिये तो बड़ी जनहानि होगी. सरकार के स्तर से कोरोना के उपचार संबंधी निर्णयों में नौकरशाहों की जगह विशेषज्ञ डाक्टरों की भूमिका बढ़ाने की जरूरत है. सरकार को यह सलाह राजकीय मेडिकल आफिसर्स की संस्था बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (भाषा) ने दी है.
भाषा के महासचिव और ‘आल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ के सदस्य डॉ रंजीत का कहना है कि लोगों को समय समय रहते चेतावनी देनी चाहिये थी. हालात बेकाबू होने पर राज्य को स्वास्थ्य सेवाओं पर सर्वोच्च बल और तंत्र लगाना था.
डॉ रंजीत का कहना है कि सभी योजनाएं केंद्र बनाता हैं. राज्य का स्वास्थ्य विभाग तो इसे लागू करता है. सभी वर्ग के डाक्टर, इंजीनियर स्कॉलर को साथ काम करने की जरूरत है. अभी भी कोविड से जुड़े के निर्णयों में नौकरशाही हावी है.
पिछले साल भी ऐसा ही हुआ. कोरोना का दूसरा पीक आ गया . अब तो तीसरा पीक आने की बात हो रही है. इसके लिये सरकार क्या तैयारी कर रही है. यह सुनियोजित होनी चाहिये. अभी तो इसका अध्ययन नहीं किया गया है.
राज्य में कोविड 19 के समग्र प्रबंधन, विशेषज्ञ राय एवं परामार्श के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 13 सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है. विभाग ने कमेटी का दायित्व भी निर्धारित की है जिसमें राज्य में कोविड 19 के प्रबंधन के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं चिकित्सीय प्रबंधन के लिए विद्यमान प्रणाली की समय-समय पर समीक्षा करना और इसके आधार पर कोरोना प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव देना है.
विशेषज्ञ कमेटी को आदेश दिया गया है कि वह राज्य में कोविड 19 के प्रसार की प्रभावी रोखथाम के लिए रणनीति व कार्ययोजना के संबंध में परामर्श देगी. कोरोना प्रबंधन के लिए उपलब्ध मानव बल एवं आधारभूत संरचना के विकास व क्षमतावर्धन के लिए आवश्य उपया और सुझाव देगी. कमेटी को वैश्विक महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए संस्थागत क्षमतावर्धन के संबंध में विद्यमान कर्मियों की पहचान एवं उन्हें दूर करने का परामर्श देने को कहा गया है.
राज्य में एवं देश के अन्य हिस्सों में समय-समय पर कोविड 19 की स्थिति का परिस्थितिकी विश्लेषण एवं उसके अनुसार आवश्यक रणनीति का सुझाव देना है. इस समिति को हर 15 दिनों में अनिवार्य रूप से बैठक आयोजित की जायेगी. समिति समय-समय पर अपनी अनुशंसाओं से सरकार को अवगत करायेगी.
-
संयोजक – निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण) स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार
-
सदस्य – निदेशक, एम्स, डा एए हई (एचएमआरआइ),
-
डा विजय प्रकाश (पूर्व एचओडी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग, पीएमसीएच),
-
डा एसके शाही (पूर्व डीन, आइजीआइएमएस, पटना),
-
डा एनआर विश्वास (निदेशक, आइजीआइएमएस,पटना) ,
-
डा प्रदीप दास (आइजीआइएमएस,पटना) ,
-
डा हेमंत शाह (बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन),
-
डा सत्येंद्र नारायण सिंह (एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, पीएमसीएच),
-
रीजनल टीम लीडर, डब्लुएचओ,
-
डा सैयद हूब्बे अली (हेल्थ स्पेशलिटी, यूनिसेफ)
-
डा सहजानंद प्रसाद सिंह, सह प्राध्यापक , विम्स पावापुरी शामिल हैं.
Posted by Ashish Jha