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Coronavirus in Bihar : सिलिंडर लाओ, तभी करेंगे भर्ती, पटना के प्राइवेट अस्पताल परिजनों से मंगा रहे ऑक्सीजन

शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में यह संकट बरकरार है. मरीजों की भर्ती आसानी से नहीं हो रही है. खासकर प्राइवेट अस्पतालों में तो परिजनों से ऑक्सीजन मंगायी जा रही है.

आनंद तिवारी, पटना . शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में यह संकट बरकरार है. मरीजों की भर्ती आसानी से नहीं हो रही है. खासकर प्राइवेट अस्पतालों में तो परिजनों से ऑक्सीजन मंगायी जा रही है.

परिजन शहर की अलग-अलग एजेंसियों के प्लांट पर लाइन लग कर ऑक्सीजन लाकर अपने मरीज को दे रहे हैं. अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है. परिजन अपनों की जान बचाने के लिए एक से दूसरे अस्पताल में भटक रहे हैं.

ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में औषधि विभाग व स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच व एम्स में पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाइ की जा रही है. बहुत से प्राइवेट अस्पतालों को भी ऑक्सीजन मुहैया करायी जा रही है.

कोविड कंट्रोल रूम से भी राहत नहीं

मरीज व उनके परिजन मदद के लिए जिला व स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाये गये कोविड कंट्रोल रूम के नंबर पर लगातार फोन कर रहे हैं. जल्द ही बेड आवंटित करने का वादा किया जा रहा है. दो से तीन बाद भी मरीजों को अस्पताल में बेड आवंटित नहीं हो रहे हैं. ऐसे में अधिकांश मरीज के परिजन सिविल सर्जन व जिला प्रशासन को बेड व ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए लगातार पत्र भी लिख रहे हैं.

केस -01

पाटलिपुत्र कॉलोनी के निवासी अमित कुमार पेशे से एक बैंक में काम करते हैं. अमित व उनकी मां दोनों पॉजिटिव हैं. उनकी की मां का ऑक्सीजन लेवल 80 है. परिजन उन्हें लेकर एक मई को शहर की पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित तीन बड़े अस्पतालों के अलावा कंकड़बाग में दो निजी अस्पतालों में भटके. लेकिन सभी ने ऑक्सीजन के अभाव में भर्ती से इन्कार कर दिया. वहीं, बाद में परिजन गोला रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गये, जहां दो ऑक्सीजन सिलिंडर लाने की शर्त पर भर्ती का वादा किया. करीब पांच घंटे तक मरीज शहर के करीब आधा दर्जन अस्पतालों का चक्कर काट चुकी थी.

केस -02

पटना सिटी स्थित आलमगंज थाना क्षेत्र के सुनील कुमार सिंह के दोस्त सुधीर कुमार को सांस लेने में तकलीफ हुई. कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आयी. सीटी स्कैन में संक्रमण की पुष्टि हुई. सांस फूलने पर परिवार के लोग मरीज को लेकर शहर के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच के अलावा कई सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भटके. मरीज की भर्ती नहीं हुई. ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने से अस्पतालों ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया.

ऑक्सीजन की जारी है कालाबाजारी

लोगों का आरोप है कि ऑक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी जारी है. लेकिन औषधि विभाग व पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. ऑक्सीजन की गैरकानूनी तरीके से बिक्री करने वालों पर शिकंजा कसने में अफसर नाकाम हैं. धंधेबाज 30 से 40 हजार रुपये में सिलिंडर बेच रहे हैं.

वितरण पर उठ रहे सवाल

ऑक्सीजन मुहैया कराने को लेकर प्रशासन की ओर से लगातार दावे किये जा रहे हैं. जानकारों की मानें, तो ऑक्सीजन दूसरे राज्यों से भी मंगायी गयी है. बावजूद अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है. प्राइवेट अस्पताल आधे से कम बेड पर मरीजों की भर्ती कर रहे हैं. वहीं, मरीज प्लांट के बाहर ऑक्सीजन लेने के लिए दिन रात लाइन में लगे हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति किन अस्पतालों में हो रही है.

Posted by Ashish Jha

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