Coronavirus in Bihar : बिहार के 101 अनुमंडलों में बनेंगे कोरेंटिन सेंटर, 14 दिनों तक प्रवासी श्रमिकों के रहने की होगी व्यवस्था

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर प्रवासी श्रमिक से अपील की है कि वह घर लौट आएं. बिहार में उन सभी के लिए हर मुमकिन व्यवस्था की जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2021 6:46 AM

पटना . कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर प्रवासी श्रमिक से अपील की है कि वह घर लौट आएं. बिहार में उन सभी के लिए हर मुमकिन व्यवस्था की जायेगी. इस अपील के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी अनुमंडलों में कोरेंटिन सेंटर बनाने को लेकर काम शुरू कर दिया है.

इस संबंध में अन्य विभागों को भी दिशा निर्देश दिया गया है, ताकि कोरेंटिन सेंटर में जब 14 दिनों तक लोग रहें, तो उनको किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. आपदा विभाग ने सभी 101 अनुमंडलों में कोरेंटिन सेंटर बनाने के लिए डीएम को भी यह निर्देश भेजा है, ताकि उनके सहयोग से सभी अनुमंडल में एक- एक कोरेंटिन सेंटर बन सके.

पानी व शौचालय की जिम्मेदारी पीएचइडी को

आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी कोरेंटिन सेंटरों में पानी व शौचालय बनाने की जिम्मेदारी पीएचइडी को दी है. इसके बाद पीएचइडी ने इस आलोक में काम शुरू कर दिया है. विभाग ने सभी कोरेंटिन सेंटरों में नल का जल पहुंचाने और सेंटर की क्षमता के मुताबिक शौचालय भी तैयार करने का निर्देश अपने अधिकारियों को दे दिया है.

सभी राज्यों से आने वालों के रहने की होगी व्यवस्था

सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम (गुड़गांव), नोएडा, कोलकाता, बेंगलुरु एवं अन्य शहरों से आने वालों को इन कोरेंटिन सेंटर में रखा जायेगा. वहीं, जहां अभी कोरोना का फैलाव अधिक है, उन शहरों से आने वालों पर अधिकारी विशेष निगरानी रखेंगे. वैसे जिलाधिकारी चाहें तो वे कुछ और शहरों को भी अपने हिसाब से जोड़ सकते हैं.

पंचायत भवनों में भी होगा इंतजाम

अगर अनुमंडल में बने कोरेंटिन सेंटरों में जगह की कमी हुई, तो वहां से सटी पंचायत के भवनों में 14 दिनों तक कोरेंटिन कैंप में रखा जायेगा. 14 दिनों के बाद अगर उनमें कोरोना का लक्षण नहीं पाये गये तो उन्हें घर जाने दिया जायेगा, लेकिन वे अगले सात दिनों तक होम कोरेंटिन में ही रहेंगे. अगर किसी में कोरोना का लक्षण पाया गया तो वैसे प्रवासियों का उपचार किया जायेगा. कैंप में रखने के दौरान प्रवासियों के बीच सोशल डिस्टैंसिंग का कड़ाई से पालन किया जायेगा.

यहीं होगा इनका निबंधन

दूसरे राज्यों से आने वालों का निबंधन श्रम विभाग के माध्यम से वहीं कोरेंटिन सेंटर में किया जायेगा. साथ ही बैंक खाता, आधार संख्या सहित पूरी जानकारी ली जायेगी, ताकि उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. निबंधन के बाद श्रमिकों को उनके स्किल्स के तहत रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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