Coronavirus in Bihar : बिना डॉक्टर की सलाह के मरीजों को नहीं दे ऑक्सीजन, अधिक डोज कर सकता है नुकसान
कोरोना मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने पर बगैर चिकित्सीय निगरानी के घर पर खुद ऑक्सीजन देना खतरनाक हो सकता है. ऑक्सीजन अधिक मात्रा में देने पर नुकसान हो सकता है.
पटना. कोरोना मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने पर बगैर चिकित्सीय निगरानी के घर पर खुद ऑक्सीजन देना खतरनाक हो सकता है. ऑक्सीजन अधिक मात्रा में देने पर नुकसान हो सकता है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इन दिनों बाजार व ऑनलाइन वेबसाइट पर भी पोर्टेबल ऑक्सीजन केन बेचे जा रहे हैं. लेकिन, विशेषज्ञों की मानें, तो पोर्टेबल केन ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में कारगर नहीं हैं.
केन ऑक्सीजन को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं
केन ऑक्सीजन के उपयोग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोई गाइडलाइन भी नहीं है. लेकिन, विशेषज्ञों के अनुसार अलग-अलग क्षमता वाले 490 एमएल के ऑक्सीजन केन की खरीदारी करना उचित नहीं है. इससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है. किस मरीज को कितना ऑक्सीजन देना है? यह ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल नापने के बाद ही तय किया जा सकता है.
अधिक ऑक्सीजन से होगा नुकसान
आइजीआइएमएस के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष व कोविड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि कोरोना मरीज को ऑक्सीजन की कमी होने पर खुद ऑक्सीजन देना उसकी जान आफत में डाल सकता है. क्योंकि तय मात्रा से अधिक ऑक्सीजन से नुकसान पहुंचता है. कई बार ज्यादा ऑक्सीजन शरीर के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है .
डॉक्टर की सलाह व निगरानी जरूरी
डॉ संजय कुमार कहते हैं कि ऑक्सीजन केन का चिकित्सकीय उपचार में इस्तेमाल को लेकर किसी प्रकार का कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं. ऑक्सीजन सिलिंडर से यदि संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन देना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेना चाहिए. हर सांस की परेशानी में ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती है.
Posted by Ashish Jha