आनंद तिवारी, पटना .कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते दवाओं की खपत और मांग की वजह से दवाओं के दाम में भी जोरदार इजाफा हुआ है. फैबी फ्लू, विटामिन सी समेत अन्य जरूरी दवाएं बाजार से गायब हो गयी हैं. खास बात तो यह है कि इनकी कालाबाजारी शुरू हो गयी है.
फैबी फ्लू दवा करीब 2500 रुपये वाला पैक दुकानदार 5000 से 5500 रुपये में बेच रहे हैं. खास बात तो यह है कि शहर के गोविंद मित्रा रोड समेत थोक व फुटकर अधिकांश दवा दुकानदारों के यहां कोविड में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का मनमाना रेट लिया जा रहा है. बावजूद औषधि विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
दवाएं पहले अब
विटामिन सी ~20 में 10 गोलियां ~25 से अधिक
विटामिन ए, बी ~150 से 180 ~200 से अधिक
आइवरमाइक्टिन ~220 ~250 से अधिक
इजीथ्रोमाइसिन ~62 ~70 से 75
डॉक्सीसाइक्लीन ~20 से 22 ~25 से अधिक
विटामिन डी-3 ~100 से 110 ~150
थर्मामीटर ~100 से 150 ~250
ऑक्सीमीटर ~400 से 500 ~1200 से अधिक
मरीज व ग्राहकों से मिली जानकारी के अनुसार एक माह के अंदर दवा कंपनियों ने अन्य जरूरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के दाम पांच से 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिये हैं. जबकि थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर तीन गुने दाम पर बेचे जा रहे हैं.
कोई विकल्प नहीं होने की वजह से मजबूरी में मरीज महंगे दामों पर खरीद रहे हैं. वहीं, दवा व्यापारियों के मुताबिक एक माह के भीतर कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाएं व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की मांग छह गुना बढ़ गयी है. इसको लेकर कंपनियों ने भी दवाओं के दाम में वृद्धि कर दी है.
शहर के थोक एवं फुटकर दवा व्यापारियों के यहां स्टॉक खत्म हो गया है. बताया जा रहा है कि ऑर्डर पर ही दवाएं उपलब्ध हो पा रही हैं. इसी का फायदा उठाकर गली और मुहल्ले के दवा व्यवसायी थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, मास्क, ग्लब्स सैनिटाइजर, वेपोराइजर, ब्लड प्रेशर मापने की मशीन और ग्लूकोमीटर के दाम में दो से तीन गुना इजाफा कर रहे हैं. बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि एक माह में खपत कई गुना बढ़ गयी है.
Posted by Ashish Jha