पटना. कोरोना की दूसरी लहर में पटना सहित पूरे बिहार में संक्रमितों की बढ़ती संख्या डरा रही है. वहीं, दूसरी ओर राहत देने वाली भी खबर यह है कि फ्रंट लाइन वर्कर्स में टीकाकरण होने की वजह से वायरस का असर काफी कम हो गया है.
वैक्सीन लेने वाले स्वास्थ्यकर्मी या पुलिसकर्मी संक्रमित तो हुए, लेकिन गंभीर नहीं हुए. इन्हें अस्पताल में कम ही भर्ती होना पड़ा. अधिकांश कर्मी होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गये. अच्छी बात तो यह है कि इनपर वायरस का असर जानलेवा नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग इसे टीकाकरण के सकारात्मक परिणाम के रूप में देख रहा है़ अब तक जिले में फ्रंट लाइन वर्कर्स समेत करीब तीन लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली और करीब एक लाख को दूसरी डोज दी जा चुकी है. इनमें से 80 प्रतिशत ने टीके की दूसरी डोज भी ले ली है.
दूसरी लहर में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एम्स, एनएमसीएच व आइजीआइएमएस में करीब एक हजार स्वास्थ्य कर्मी वायरस की चपेट में आ चुके हैं. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी होम आइसोलेशन से ही ठीक हो रहे हैं.
पांच से 10 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. . एम्स के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार का भी यही कहना है़ पुलिस महकमे में भी करीब 70 प्रतिशत कर्मियों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है. इनमें से 50 प्रतिशत स्वस्थ होकर काम पर भी लौट चुके हैं. थोड़े बहुत एक्टिव केस हैं.
इधर जिला प्रशासन ने अब कोरोना से जंग जीतने के लिए प्रचार-प्रसार को अपना हथियार बनाया है. शहर के हर चौक-चौराहे से लेकर गली-मुहल्ले तक लोगों को सतर्क व सावधान रखने के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने का संदेश पहुंचाने लगा है.
जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने हाल में ही कई प्रचार वाहनों को लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रवाना किया. इसके साथ ही मास्क चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है और प्रशासन की टीम लोगों को जागरूक कर रही है.
Posted by Ashish Jha