Coronavirus in Bihar : अब भी आम लोगों को नहीं मिल रहा रेमडेसिविर, हॉस्पिटल कर रहे ब्लैक मार्केटिंग

राज्य में कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार के बीच रेमडेसिविर दवा की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है. परंतु इसकी किल्लत अब भी आम लोगों के लिए बनी हुई है. इसके वितरण की जिम्मेदारी बिहार राज्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसएमआइडीसी) को सौंपी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2021 8:54 AM

पटना . राज्य में कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार के बीच रेमडेसिविर दवा की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है. परंतु इसकी किल्लत अब भी आम लोगों के लिए बनी हुई है. इसके वितरण की जिम्मेदारी बिहार राज्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसएमआइडीसी) को सौंपी गयी है. परंतु यहां भी वेटिंग लिस्ट समाप्त नहीं हो रहा है.

तमाम प्रयास करने के बाद भी अगर कोई व्यक्ति दवा के लिए आवेदन करता है, तो उसे तीन से चार दिन का वेटिंग लिस्ट मिलता है. संबंधित व्यक्ति को अपने डॉक्टर के पूर्जा और आधार कार्ड पर आवेदन करने की सुविधा होती है. परंतु इस दवा को प्राप्त करने में तमाम जुगत लगाने के बाद भी एक दिन या किसी आपात स्थिति में प्राप्त नहीं कर सकते हैं.

पहले यह दवा राज्य के थोक दवा दुकानदारों के पास नंबर लगाकर मिलती थी या अन्य किसी दुकानदार के पास से ब्लैक में अधिक कीमत चुका कर लेनी पड़ती थी. इसकी किल्लत को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बीएसएमआइडीसी के माध्यम से इसके वितरण की व्यवस्था की गयी है, लेकिन यह सरकारी व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है. लोगों को अभी भी मजबूरन बाजार से अधिक मूल्य में दवा खरीदना पड़ रहा है.

रेनबो हॉस्पिटल में हो रही थी रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग

कोरोना महामारी में ब्लैक मार्केटिंग का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी ऑक्सीजन गैस तो कभी दवा. इसे रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम बनायी गयी है. इसी टीम ने गुरुवार की देर रात गांधी मैदान स्थित रेनबो हॉस्पिटल में रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इओयू के डीएसपी भास्कर रंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. डीएसपी रंजन ने बताया कि इस हॉस्पिटल से गुप्त सूचना मिली थी कि यहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. इसी को लेकर टीम में शामिल कुछ लोगों को ग्राहक बनाकर हॉस्पिटल में भेजा गया.

इसके बाद जब इंजेक्शन खरीदने की बात हुई. जैसे ही इंजेक्शन मिला कि टीम ने दो लोगों को धर दबोचा. गिरफ्तार आरोपितों में अस्पताल का डायरेक्टर अशफाक और उसका साला अल्ताफ अहमद शामिल है.

40 पीस रेमडेसिविर भी जब्त

डीएसपी भास्कर रंजन ने बताया कि अस्पताल से 40 पीस रेमडेसिविर इंजेक्शन को जब्त किया गया है. उन्होंने बताया कि अभी जांच चल रही और भी इंजेक्शन होने की आशंका है. गांधी मैदान की पुलिस भी इस जांच में शामिल थी.

रेनबो फार्मा के नाम पर खरीद, खुद रख लेते थे डॉक्टर

जानकारी की मुताबिक हॉस्पिटल में रेनबो फार्मा है. यह सारा इंजेक्शन इसी फार्मा के नाम पर खरीदते थे. इसके बाद इसे मरीजों से भारी दामों में ब्लैक कर देते थे. सूत्रों की माने तो इसमें बड़ा रैकेट होने की आशंका है.

Posted by Ashish Jha

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