साकिब, पटना. कोरोना संक्रमण के मामले में पटना राज्य भर में लगातार टॉप पर रहा है. हर दिन राज्य में कोरोना के जितने केस सामने आते हैं, उनमें सबसे ज्यादा पटना से सामने आते हैं. यह स्थिति कोरोना काल शुरू होने से लेकर अब तक लगातार बनी हुई है.
शुरू के कुछ दिनों में दूसरे जिले टॉप पर थे, लेकिन फिर पटना में सबसे ज्यादा केस मिलने लगे. स्थिति यह है कि राज्य में सामने आने वाले कुल संक्रमितों में से हर तीसरा पटना का रहने वाला मरीज होता है.
पिछले तीन दिनों के आंकड़ों से समझें पटना की स्थिति : शुक्रवार को ही पूरे राज्य से 618 नये केस मिले, इसमें से अकेले 201 पटना में मिले हैं, जबकि शेष में पूरे राज्य के सभी जिलों से मिले मरीज शामिल हैं.
इससे एक दिन पहले गुरुवार को पूरे राज्य में 595 नये कोरोना केस सामने आये, इनमें पटना के 261 केस थे. बुधवार को राज्य में कोरोना के 690 नये केस मिले थे, इनमें से अकेले पटना के 267 थे.
इन तीन दिनों के आंकड़ों को देखें, तो इनसे साफ पता चलता है कि पटना राज्य भर में कोरोना के नये संक्रमण के मामले में लगातार टॉप पर है.
एक अनुमान के मुताबिक पटना के 3000 से ज्यादा सैंपलों की रोजाना आरटीपीसीआर से जांच होती है. वहीं 20 हजार से ज्यादा सैंपलों की रोजाना रैपिड एंटीजन किट से जांच हो रही है.
राज्य के सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ एसके शाही कहते हैं कि पटना में कोरोना के सबसे ज्यादा केस मिलने के कई कारण हैं. इसमें एक बड़ा कारण सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं करना है. पटना में लोग सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं.
शादी समारोह हो या बाजार हर जगह भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में संक्रमण बढ़ेगा ही. वे बताते हैं कि पटना की आबादी भी दूसरे जिलों की तुलना में ज्यादा है. यहां राज्य और देश भर से लोगों की आवाजाही होती रहती है.
सभी लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं. इन सब कारणों से पटना में कोरोना बढ़ा है. वे कहते हैं कि ज्यादा केस सामने आने का एक बड़ा कारण यह भी है कि दूसरे जिलों की तुलना में पटना में ज्यादा कोरोना जांच होती है.
पटना के सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पटना के लोग कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं.
लोगों द्वारा मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग के नियम का सही से पालन नहीं करने के कारण जिला कोरोना के नये केस मिलने के मामले में राज्य में टॉप पर बना हुआ है. ऐसे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है.
Posted by Ashish Jha