मुजफ्फरपुर . कोरोना को लेकर पूरे राज्य में अलर्ट है. जिले में भी 30 जून तक सतर्कता बढ़ा दी गयी है. हर रोज जिले में दिल्ली, मुंबई सहित अन्य शहरों से पांच हजार से अधिक यात्री ट्रेन, बस व निजी गाड़ी से आ रहे हैं. लेकिन जांच के लिए ठाेस व्यवस्था नहीं है. कागज पर ही बैरिया व इमलीचट्टी बस स्टैंड में जांच सेंटर खुले हैं. जंक्शन पर जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
जंक्शन पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से रोज तीन से चार हजार यात्री ट्रेन से आ रहे हैं. इनकी कोरोना जांच के लिए निकास द्वार पर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है. यात्री आराम से ट्रेन से उतर कर बाहर निकलते हैं. उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है.
मुख्य प्रवेश द्वार और दक्षिणी द्वार के पास एक-एक काउंटर है. दोनों जगहों पर दिनभर में डेढ़ से दो सौ यात्री ही जांच कराते हैं. कई यात्रियों को स्वास्थ्यकर्मी जबरन जांच के लिए बुलाते हैं. पुलिसकर्मियों के नहीं होने से यात्री झगड़ने भी लगते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि यात्रियों में जागरूकता की कमी है.
बैरिया बस स्टैंड में कागज पर ही कोरोना जांच की व्यवस्था है. बस स्टैंड में बुधवार तक जांच टीम तैनात नहीं की गयी थी. अभी होली के प्रतिदिन करीब 50 से अधिक बसों में दिल्ली, हरियाणा से यात्री अपने घर को लौट रहे हैं.
अगले सप्ताह दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की संख्या प्रतिदिन बढ़कर 10 हजार पार कर जाने की संभावना है. बस स्टैंड में उतरने के बाद यात्री यहीं से सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, शिवहर, माेतिहारी, झंझारपुर, पूर्णिया, समस्तीपुर आदि के बस पकड़ कर अपने घर जाते है. बस स्टैंड में सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर आदि का पालन नहीं हो रहा है.
इमलीचट्टी सरकारी बस पड़ाव में खोले गये कोरोना जांच केंद्र पर बुधवार को लैब टैक्नीशियन मौजूद नहीं थे. बस पड़ाव में बस से उतरने वाले यात्री बिना जांच के ही अपने-अपने घर जा रहे थे. जब नोडल अधिकारी डॉ एके सिन्हा से इस संबंध में जानकारी ली गयी, तो उन्होंने कहा कि दो-दो लैब टेक्नीशियन हर केंद्र पर भेजे गये हैं. अगर बस पड़ाव केंद्र पर लैब टैक्नीशियन मौजूद नहीं हैं, तो यह घोर लापरवाही है, उन पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को सभी केंद्र का निरीक्षण कर देखा जायेगा कि कहां टेक्नीशियन मौजूद हैं और कहां नहीं.
Posted by Ashish Jha