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Coronavirus in Bihar : बिहार में कोरोना मरीजों के लिए 10 दिनों में चाहिए 30 हजार अतिरिक्त बेड, प्रशासन के फूल रहे पांव

राज्य में अभी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 76419 है. इतनी संख्या होने पर ही राज्य के सभी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में मौजूद बेड तकरीबन फुल हो गये हैं. हालांकि, राज्य सरकार इनकी संख्या में लगातार इजाफा कर रही है.

पटना. राज्य में अभी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 76419 है. इतनी संख्या होने पर ही राज्य के सभी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में मौजूद बेड तकरीबन फुल हो गये हैं. हालांकि, राज्य सरकार इनकी संख्या में लगातार इजाफा कर रही है.

राज्य की तरफ से हाल में हाइकोर्ट में जो हलफनामा दायर किया गया है, उसमें संक्रमण की मौजूदा रफ्तार के आधार पर यह कहा गया है कि आने वाले 10 दिनों में एक्टिव मरीज की संख्या दो लाख से ज्यादा हो जायेगी. इसमें 10 से 15 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ेगी. शेष मरीज आइसोलेशन में या घर पर ही रहकर ही ठीक हो जायेंगे.

इस आधार पर अब जिन मरीजों के लिए अस्पताल की जरूरत पड़ेगी, उनकी संख्या 30 हजार के आसपास होगी. ऐसे में राज्य के अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर और डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटरों में करीब 30 हजार अतिरिक्त बेडों की जरूरत पड़ेगी.

इन दो लाख एक्टिव मरीजों में 10 प्रतिशत मरीज ऐसे होंगे, जिन्हें ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ेगी. यानी करीब 15 हजार मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड की जरूरत होगी. 15 दिनों में इतनी बड़ी संख्या में बेडों का इंतजाम करना राज्य सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

राज्य में अभी हैं करीब 22 हजार बेड

वर्तमान में राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में करीब 22 हजार बेड मौजूद हैं. इनके अलावा हाल में बिहटा के इएसआइसी में 500 बेड, मेदांता में 200 बेड, राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल में 125 बेड के अलावा गया, भागलपुर समेत कुछ अन्य स्थानों पर भी कई अस्पतालों में अतिरिक्त बेडों का इंतजाम किया जा रहा है.

इस तरह से सभी स्थानों को मिलाकर दो से ढाई हजार अतिरिक्त बेडों का इंतजाम हो सकेगा, जिसमें करीब 1600 ऑक्सीजन वाले बेड होंगे. तमाम मौजूदा कोशिशों के बाद भी राज्य में मौजूदा 22 हजार बेड को जोड़कर साढ़े 24 हजार अतिरिक्त बेडों का बंदोबस्त हो सकेगा. इसमें करीब 21 हजार बेड अभी से भरे हुए हैं.

ऐसे में तीन हजार बेड ही नये मरीजों के लिए उपलब्ध हो पायेंगे. यह संख्या 30 हजार की बड़ी जरूरत के आगे काफी कम है. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि फिलहाल अधिक-से-अधिक संख्या में बेड लगाने के लिए सभी संभावित स्थानों का आकलन किया जा रहा है, ताकि आने वाली जरूरत को पूरा किया जा सके.

समय पर मिलेगी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट

आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अब समय पर मिलेगी. इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने आरएमआरआइ, आइजीआइएमएस और सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन व जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस दौरान आयुक्त ने जिला प्रशासन व टेस्टिंग लैब के बीच बेहतर समन्वय को लेकर आरएमआरआइ में डीसीएलआर पटना सिटी व आइजीआइएमएस में भू अर्जन पदाधिकारी की तैनाती कर दी.

इसके साथ ही आयुक्त ने चार दिनों के अंदर तमाम बैकलॉग को खत्म करने का भी निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती का निर्देश भी जिलाधिकारी को दिया.

नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मांगा स्पष्टीकरण: बिहटा के नेताजी सुभाष प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में सैंपल की जांच होने में हो रहे विलंब को गंभीरता से लेते हुए संस्थान प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा गया है. यहां रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा था.

Posted by Ashish Jha

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