पटना. कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है और आंकड़ा 15 हजार के पार चला गया है. इसे लेकर जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर होम आइसोलेशन कोषांग का गठन कर दिया गया है. इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी के रूप में अपर जिला दंडाधिकारी आपूर्ति पटना व सिविल सर्जन कार्यालय की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनुपमा को बनाया गया है.
आपको कोई भी बीमारी हो तो इसे डॉक्टर को जरूर बताएं. कोविड कंट्रोल रूम में फोन कर मदद मांगने वालों ने अस्पताल जाने के डर से अपनी बीमारी छिपायी और होम आइसोलेशन रहने का विकल्प चुना. बाद में उनकी तबीयत अधिक खराब हो गयी.
यदि किसी भी संक्रमित व्यक्ति को हाइ बीपी, अनियंत्रित डायबिटीज, अस्थमा, टीबी, कैंसर, किडनी, दिल या अन्य कोई बीमारी है तो ऐसे लोग कोरोना पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन का विकल्प कतई न चुनें. इन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना जरूरी है.
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परिवार के सदस्यों से खुद को अलग रखें
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से बतायी गयी दवाएं समय पर खाएं
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किसी प्रकार का तनाव बिल्कुल नहीं लें
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ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन के स्तर की नियमित जांच करें
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सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर या नजदीक के अस्पताल से संपर्क करें
पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों से अपील की जाती है कि वह पुरानी बीमारी को नहीं छिपाएं. पॉजिटिव होने वाले मरीजों से फोन कर पुरानी बीमारी के बारे में पूछताछ भी की जाती है. अगर पहले से बीमारी है तो आप डॉक्टर से शेयर करें, ताकि सही इलाज मिल सके.
Posted by Ashish Jha