पटना. बहुत जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आ जायेगी. बिहार में यह समय से लोगों तक पहुंच सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसके समुचित वितरण और कोल्ड चेन के प्रबंधन के लिए योजना पर काम हो रहा है.
ये बातें मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कही. वे होटल लेमन ट्री में विश्व एड्स दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति और यूनिसेफ बिहार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिहार ने कोरोना संक्रमण को रोकने और इसपर नियंत्रण के लिए बेहतर काम किया है.
करीब आठ माह की लड़ाई के बाद हमने कोरोना का काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है. बिहार देश और दुनिया के सामने एक बेहतर मॉडल के तौर पर उभर कर सामने आया है. बिहार की कोरोना से मृत्यु दर अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कम है. रिकवरी रेट में हम देश भर के टॉप राज्यों में हैं. उन्होंने एचआइवी एड्स को रोकने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत पर बल दिया.
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में एड्स पीड़ितों के लिए खुलने वाले सात नये एआरटी सेंटरों का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीड़ितों को 1500 रुपये मासिक की नौ महीने की राशि उनके खाते में भेजी गयी. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा संचालित युवा संचार 2020 राज्य स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया.
फैक्ट शीट 2020 का विमोचन किया गया. कार्यक्रम स्थल पर फोटो प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि राज्य में एचआइवी की जांच सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है एवं इसके लिए जांच केंद्र की संख्या में वृद्धि की जा रही है.एचआइवी-एड्स से बचने के लिए युवाओं को जागरूक होने की जरूरत है.
स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में लगातार प्रयासरत है. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सह बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि राज्य में कुल 20 एआरटी केंद्र कार्यरत थे, अब एड्स पीड़ितों के लिए सात नये केंद्रों की शुरुआत की गयी है.
ये नये केंद्र मुंगेर, जमुई, पूर्णिया, सुपौल, नालंदा, कैमूर एवं सीवान जिले में हैं. इस अवसर पर यूनिसेफ के कार्यपालक प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय, यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सैयद हुबे अली, समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ अभय प्रसाद, मनोज कुमार सिन्हा, समिति के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा समेत कई अन्य मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha