कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बिहार के लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं. हर दिन संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है. लॉकडाउन की आहट से बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लो बिहार आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज साढ़े 4 बजे सचिवालय में कोविड-19 को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे. इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं.
इधर, सर्वदलीय बैठक से पहले कांग्रेस नेताओं का बयान आय़ा है. कांग्रेस की नेता और बिहार से पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने दूसरे प्रदेशों से आने वाले मज़दूरों के खाते में हर महीने 6-6 हजार रुपए दिए जाने की मांग की है. वहीं कांग्रेस कमिटी, रिसर्च विभाग एवं मैनिफेसटो कमिटी के चेयरमैन आनंद माधव ने एक बयान जारी कर चुनाव आयोग से मांग की है कि स्थिति सामान्य होने तक बिहार में पंचायत चुनाव को स्थगित रखा जाए.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक रैलियों ने इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा कहर मचाया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 25 हजार के आस-पास पहुंच गई है. कोरोना की दूसरी लहर में कोई नहीं बच पा रहा. ऐसे में अगर पंचायत चुनाव कराया जायेगा तो ये महामारी कितनों को लील जायेगी, इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है.
बिहार में कोरोना संकट के लेकर वपक्ष बिहार सरकार पर हमलावर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन पूछा है कि इतने दिनों बाद मुख्यमंत्री को सुध क्यों आई है? उन्होंने आरोप लगाया कि पटना में कोरोना के केस छिपाए जा रहे हैं.
कहा कि 200 रुपए के ऑक्सीजन सिलेंडर के 800 रुपए में भरे जा रहे हैं और अस्पताल में सिलेंडर की कीमत 2400 रुपए ली जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की सरकार कोरोना से लोगों को बचाने में असफल है.
वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर हमला बोला है. कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को अपने राज्य में रहना चाहिए. भाजपा को चाहिए कि वे अन्य नेताओं को चुनाव में भेजें. रोज सैकड़ों मौतें हो रही हैं. और आप चुनाव प्रचार में लगे हैं. ये सब बिहार जनता देख रही है. नेताओं को सोचना चाहिए कि जब लोग ही मर जाएंगे तो उन्हें वोट कौन देगा.
Posted By: Utpal kant