Loading election data...

बिहार में कोरोना का कहर: इस बार भी रामनवमी पर नहीं निकलेगी शोभायात्रा,रमजान में मस्जिदों में नहीं होगी इबादत

बिहार में कोरोना संक्रमण के एक बार फिर से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस रामनवमी और रमजान के मौके पर लोग अपने-अपने घरों में ही पूजा और इबादत करेंगे. एक तरफ मंदिरों में न तो जयश्री राम की गूंज होगी और न ही शोभायात्रा निकलेगी. वहीं पाक माह रमजान में पटना के बाजारों में इस बार भी रौनक फीकी ही रहेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2021 4:10 PM

बिहार में कोरोना संक्रमण के एक बार फिर से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस रामनवमी और रमजान के मौके पर लोग अपने-अपने घरों में ही पूजा और इबादत करेंगे. एक तरफ मंदिरों में न तो जयश्री राम की गूंज होगी और न ही शोभायात्रा निकलेगी.

वहीं पाक माह रमजान में पटना के बाजारों में इस बार भी रौनक फीकी ही रहेगी. मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार भी मस्जिदों में जाकर इबादत नहीं कर पायेंगे. ऐसे में अपने-अपने घरों में ही इबादत करेंगे. लगातार दूसरे साल पर्व-त्योहारों पर कोरोना के साये से लोग मायूस हैं.

Chaitra Navratri 2021: इस रामनवमी भी नहीं निकलेगी झांकी

बिहार सरकार के निर्देश पर सभी मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. ऐसे में भक्त भगवान राम का दर्शन मंदिर जाकर नहीं कर नहीं कर पायेंगे. साथ ही रामनवमी की शोभायात्रा भी नहीं निकलेगी. इसके बदले पूजा समिति पटना में 70 हजार रामनवमी ध्वज लगायेगी. सरकार के निर्देशानुसार मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है. फिर भी यहां मुख्य पंडित द्वारा मंदिरों में विधिवत पूजा होगी.

महावीर मंदिर के अलावा राजवंशी नगर हनुमान मंदिर, पंच रूपी हनुमान मंदिर बोरिंग कैनाल रोड सहित अन्य राम एवं हनुमान मंदिरों में भी रामनवमी के दिन विधिवत पूजा होगी. हालांकि श्रद्धालु अपने घर में ही रह कर पूजा करेंगे. रामनवमी के दिन पटना में 40 जगहों से निकाली जाने वाली शोभायात्रा को शासन द्वारा स्थगित कर दिया गया है. श्रीश्री रामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

आयोजकों ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को लेकर सरकार के आह्वान पर शोभा यात्राएं रद्द की गयी हैं. इसे लेकर पूजा कमिटियों से भी चर्चा की गयी. इसके साथ ही रामनवमी एवं हिंदू नववर्ष के पहले दिन अपने घरों के इर्द-गिर्द स्वच्छता कार्यक्रम चला कर महावीरी ध्वज लगाएं, ताकि समाज में सकारात्मक माहौल बना रहेगा. इसके साथ ही कैलेंडर को भी जारी किया जायेगा.

Ramadan 2021: रमजान में इस बार नहीं दिखेगी रौनक

इस बार रमजान 13 या 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जबकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में शाम सात बजे तक सभी दुकानें बंद कर दी जायेंगी. इसके साथ ही धार्मिक स्थल भी 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे. लोगों में इस बात को लेकर काफी मायूसी भी है कि पिछले साल भी इस बरकत वाले महीने में मस्जिदों में जाकर इबादत नहीं कर सके थे और इस बार भी नहीं कर पायेंगे.

रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष तरावी की नमाज पूरे महीने पढ़ते हैं जो जमात के साथ ही पढ़ी जा सकती है. हालांकि आगे हालात देखकर इसकी मियाद बढ़ाने या इसे खत्म करने पर फैसला लिया जा सकता है. सरकार द्वारा दिये गये इस निर्देश की वजह से लोगों में नाराजगी भी है कि जब होटल-रेस्तरां व सिनेमा हॉल में 50 प्रतिशत लोगों को जाने की अनुमति दी जा रही है तो धार्मिक स्थल पर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है. इसी संबंध में विभिन्न मुस्लिम संगठन से जुड़े धर्मगुरुओं ने सरकार को पत्र लिखकर 25 प्रतिशत लोगों को धार्मिक स्थल पर जाने देने की अनुमति मांगी है.

धार्मिक संस्थाओं ने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की

बिहार के प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं और धर्म गुरुओं ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के धर्मस्थलों को खोलने की अपील की है. शनिवार को आयोजित आॅनलाइन बैठक में मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों ने कहा कि सरकार ने पार्क, सार्वजनिक यातायात, कार्यालयों को कुछ शर्तों के साथ खोलने और पूर्व निर्धारित परीक्षाओं को कराने की अनुमति दी है.

यहां तक कि सिनेमा हाॅल, सीमित संख्या में शादी-विवाह और श्राद्ध में शामिल होने की इजाजत दी है, लेकिन मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारा को बंद करने को कहा गया है. धार्मिक संस्था प्रमुखों ने कहा कि रमजान आने वाला है और इस पवित्र महीने में लोग विशेष रूप से इबादत करते हैं. ऐसे में मस्जिद बंद होने से उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

Posted By: Utpal Kant

Next Article

Exit mobile version