पटना. पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से काबू में आती दिखाई दे रही है. इसका अंदाजा शहर के अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में खाली बेड से लगाया जा सकता है. इलाज के लिए शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस व एम्स के अलावा बिहटा इएसआइसी, राजेंद्र नगर सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल को कोविड केयर सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया गया है.
इसके अलावा शहर के बिग ओपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पारस और रूबन मेमोरियल अस्पताल में भी कोविड वार्ड बनाया गया था. सरकारी व प्राइवेट सभी अस्पतालों को मिलाकर मरीजों के लिए आरक्षित बेड्स में से 60 प्रतिशत बेड रिक्त हैं.
बता दें कि रोजाना मिल रहे कोरोना के नये मरीजों की संख्या 300 से 700 के बीच आ पहुंची है. इसके अलावा, रोजाना मिल रहे नये मरीजों के मुकाबले ज्यादा मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं. कम मिल रहे मरीज व डिस्चार्ज हो रहे मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पताल में बेड भी खाली हो रहे हैं.
शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच और आइजीआइएमएस में वेंटिलेटर छोड़ कोविड वार्ड में सामान्य बेड आसानी से मिल रहे हैं. आइजीआइएमएस व एम्स के कोविड वार्ड में उपलब्ध सभी बेड लगभग आइसीयू की सुविधा से युक्त अथवा इसके लगभग बराबर सुविधा के हैं.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि भर्ती के लिए आने वाले मरीजों की जांच कर पहले यह पता लगाया जाता है कि वह भर्ती होने लायक है कि नहीं. अगर वह भर्ती होने लायक होता है, तो उसे भर्ती लिया जाता है नहीं तो घर में ही रहने की सलाह दी जाती है.
पिछले 15 दिन से आइजीआइएमएस के कोविड वार्ड में जहां भर्ती मरीजों की संख्या 290 पहुंच गयी थी वहीं एम्स में भी 340 तक पहुंच गयी थी, वहीं अब घटकर एम्स में 197 व आइजीआइएमएस में 216 पर पहुंच गयी है. यानी एम्स में 15 दिन में 143 मरीज घट गये.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएएस ठाकुर ने बताया कि अस्पताल का भार कम हुआ है. अगर ऐसे ही संख्या में कमी जारी रही, तो कुछ दिन में आइसीयू और वेंटिलेटर भी खाली हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना के केस कम होने से अस्पतालों का भार कम हो रहा है. पीएमसीएच में 110 की जगह सिर्फ 34 मरीज ही भर्ती हैं, जबकि आइसीयू में भी 25 की जगह 14 मरीजों का इलाज चल रहा है.
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पीएमसीएच 110 76
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एनएमसीएच 500 365
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आइजीआइएमएस 390 174
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एम्स 340 143
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बिग ओपोलो स्पेक्ट्रा 27 14
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रूबन मेमोरियल 210 165
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पारस 100 74
Posted by Ashish Jha