Coronavirus in Bihar : चौंका रहे कोरोना संक्रमण के नये तथ्य, लक्षणों के बावजूद 30 प्रतिशत की रिपोर्ट आ रही निगेटिव

कोरोना वायरस को लेकर रोज नये चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बदले स्वरूप (नये स्ट्रेन) ने डॉक्टर समेत मरीजों की चिंता बढ़ा दी है. खास बात तो यह है कि 30 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण का पता ही नहीं चल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2021 7:04 AM

आनंद तिवारी, पटना. कोरोना वायरस को लेकर रोज नये चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बदले स्वरूप (नये स्ट्रेन) ने डॉक्टर समेत मरीजों की चिंता बढ़ा दी है. खास बात तो यह है कि 30 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण का पता ही नहीं चल रहा है.

एंटीजन और आरटीसीपीआर की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, जबकि मरीज में कोरोना के सभी लक्षण मिल रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर मरीजों को पैथोलॉजी जांच या फिर एक्सरे व सीटी स्कैन जांच कराने की सलाह दे रहे हैं, जिसके बाद आगे का इलाज किया जा रहा है.

लगातार स्वरूप बदल रहा है वायरस

हैरान करने वाले ये तथ्य शहर के पैथोलॉजी सेंटर में कोरोना की जांच कराने पहुंच रहे मरीजों में देखने को मिल रहे हैं. गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना का दूसरा रूप लगातार घातक साबित होता जा रहा है.

कोरोना आरएन वायरस है. वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है. हम लोग कोविड-19 आरटीपीसीआर जांच कर रहे हैं. मरीजों को बाद में सीटी स्कैन व पैथोलॉजी जांच कराने के लिए कहा जा रहा है, ताकि सही उपचार हो सके.

पकड़ से बाहर वायरस

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएएस ठाकुर ने बताया कि ऐसे मरीजों में संक्रमण का पता लगाने के लिए सीने का सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है. एक्स-रे जांच से भी बीमारी की काफी हद तक जांच मुमकिन हैं. डॉ ठाकुर ने कहा कि सांस लेने में तकलीफ, बुखार, गले में खराश, सिर में दर्द और खाने में स्वाद न मिलने पर कोरोना जांच करानी चाहिए. इससे फेफड़े की सेहत का हाल आसानी से पता लगाया जा सकता है.

ऑक्सीजन लेवल कम होने पर जांच जरूर करवाएं

पीएमसीएच के वायरोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि 30 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण का पता नहीं चल रहा है. नमूने लेने में खामी से भी संक्रमण पकड़ में नहीं आ रहा है.

उन्होंने कहा कि आइसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से जांच कराएं, ताकि स्थिति का सही आकलन किया जा सके. ऑक्सीजन लेवल कम होते ही डॉक्टर से संपर्क करते हुए कोरोना की जांच जरूर कराएं.

Posted by Ashish Jha

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