मुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में अब कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही नये बंदियों को प्रवेश कराया जा रहा है. थाने से जो भी बंदी लाये जा रहे हैं उसका पहले जेल गेट पर डॉक्टरों की टीम कारोना निगेटिव रिपोर्ट देखती है. बंदी के स्वास्थ्य की जांच करेगी. फिर, 14 दिनों के लिए अलग वार्ड में कोरेंटिन रखा जायेगा.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए जेल अधीक्षक राजीव कुमार ने यह निर्देश जारी किया है. इसकी जानकारी जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारियों को भी दे दी गयी है. उनको कोरोना की जांच कराने के बाद ही बंदी को जेल भेजने को कहा गया है.
जेलर सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि करोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए जेल में काफी सतर्कता बरती जा रही है. कोराना निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही नये बंदियों को लिया जा रहा है. वहीं, जेल में पहले से बंद बंदियों के बीच मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है. बंदियों के बीच कोविड नियमों के पालन करने को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.
मालूम हो कि बीते साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल आइजी ने सेंट्रल जेल में नये बंदियों के प्रवेश पर डायरेक्ट रोक लगा दी थी. नये बंदी को पहले दरभंगा जिले के बेनीपुर स्थित मंडल कारा में भेजा जाता था. वहां, 14 दिनों तक कोरेंटिन रहने के बाद उन्हें सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाता था. यह प्रक्रिया पिछले तीन माह तक चली थी. लेकिन, बाद में कोविड संक्रमण का मामला कम आने के बाद सेंट्रल जेल में सीधे बंदी को भेज दिया जाता था.
कोरोना वैक्सिनेशन की धीमी गति पर सिविल सर्जन ने कुढ़नी, मोतीपुर, पारू व साहेबगंज के पीएचसी प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही 31 मार्च तक के वेतन पर रोक लगा दी है. वहीं इन सभी प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक के मासिक मानदेय में पांच प्रतिशत कटौती की है.
इस संबंध में जारी पत्र में बताया है कि विभाग के प्रधान सचिव कोरोना टीकाकरण की प्रतिदिन समीक्षा कर रहे है, इसके साथ वीसी व दूरभाष के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति को लेकर बार बार निर्देश दिया जाता है. बावजूद इसके लक्ष्य से काफी पीछे रहना कार्य के प्रति लापरवाही व वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना है.
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कुढ़नी 1170 145
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मोतीपुर 960 104
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पारू 1020 123
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साहेबगंज 630 71
Posted by Ashish Jha