बिहार में कोरोना मरीजों पर नई आफत देखने को मिल रही है. कोरोना से रिकवर मरीज के शरीर में मदद करने वाले बैक्टीरिया खत्म हो रहे हैं. इससे मरीजों की इम्युनिटी नहीं बढ रही है. बताया जा रहा है कि ऐसे मरीजों को एक साथ कई बीमारियां घेर रही हैं. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच में पाया है कि कोरोना से उबर चुके लोगों में मददगार बैक्टीरिया की कमी है या वे खत्म हो गये हैं.
इसे बढ़ाने के लिए मददगार बैक्टीरिया का सप्लीमेंट दिया जा रहा है. इससे मरीजों की रिकवरी कम हो रही है. जिसको देखते हुए डॉक्टरों की टीम बैक्टीरिया से जुड़ी दवाओं का सेवन मरीजों को इलाज के दौरान अनिवार्य कर दिया है. बताते चलें कि बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है.
कोविड निगेटिव के बाद भी इम्युनिटी नहीं सुधर रही- पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक कई मरीज ऐसे आ रहे हैं जो कोविड निगेटिव होने के बाद कई बीमारियों से एक-एक कर पीडित हो रहे हैं. बावजूद उनकी इम्युनिटी नहीं सुधर रही है़ इलाज के दौरान कुछ ऐसे भी मरीज हैं जो बेहवज एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन अधिक दिनों तक किये हैं,
दवाओं का असर उनके शरीर में बैक्टीरिया पर पडा है. ऐसे में अधिकांश मरीजों को पेट दर्द, दस्त, उलटी, कमजोरी, सुस्ती आदि हालांकि लक्षण दिख रहे हैं. वहीं विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के समय एंटीबायोटिक दवा भी दी जानी जरूरी थी, लेकिन अधिक सेवन की वजह से उसका साइड इफेक्ट भी देखा जा रहा है.
ब्लैक फंगस भी बडी वजह- आइजीआइएमएस के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि 50 मरीजों की हिस्ट्री आौर उनकी एंटीबायोटिक कल्चर रिपोर्ट में यह बात सामने आइ है कि एंटीबायोटिक दवा के अधिक सेवन से शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया खत्म हो गये या कम होने लगे हैं. इससे इम्युनिटी की रिकवरी में देरी हो रही है़ इस बीच मरीज दूसरी बीमारियों से जकड जा रहे हैं. इसमें ब्लैक फंगस भी बडी वजह उभर कर सामने आ रही है़ हालांकि दो से तीन दिन के अंदर ही इलाज के बाद मरीज ठीक भी हो जा रहे हैं.
पोस्ट कोविड मरीजों में दिक्कते देखी जा रही हैं- पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि एंटीबायोटिक का अंधाधुंध इस्तेमाल नहीं बल्कि उसके सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने से इलाज के बीच में ही या इलाज के बाद दिक्कतें शुरू होती हैं. उसमें सेहत और बीमारियों से बचाने के लिए अच्छे बैक्टीरिया और फंगस खत्म हो जाते हैं. इसलिए पोस्ट कोविड मरीजों में कुछ दिक्कतें देखी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर में मरीजों को बचाने में ग्रामीण इलाके के डॉक्टरों ने खूब एंटीबायोटिक दवा का इस्तेमाल कराया है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra