पटना. कोरोना के कहर के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं व आम लोगों से संवाद जारी रखने के लिए राजनीतिक दलों ने वर्चुअल माध्यम अपनाया है. वाम दलों को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपना-अपना पार्टी कार्यालय बंद कर दिया है.
वाम दलों ने भी अपने कार्यालयों में गतिविधियों को सीमित कर दिया है. साथ ही तकनीक के सहारे अपने-अपने समर्थकों के बीच पहुंचने की तैयारी कर ली है. इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों की भी सेवाएं ली जा रही हैं. सोशल मीडिया के माध्यमों फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्स एप के अलावा समूह संवाद के लिए विभिन्न एप का उपयोग किया जा रहा है.
राज्य की सत्ताधारी पार्टियों में शामिल भाजपा और जदयू ने अपने-अपने कार्यालयों को बंद कर दिया है. इसके साथ ही अपनी सभी गतिविधियां वर्चुअल माध्यम से करने की तैयारी कर ली है. हालांकि, भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पिछले साल कोरोना काल के बाद से ही पार्टी ने अपने अधिकतर कार्यक्रमों को वर्चुअल माध्यम से ही करना जारी रखा है. इसके लिए पार्टी ने तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली है.
जदयू ने भी पिछले साल कोरोना काल के दौरान अपने सभी कार्यक्रमों को वर्चुअल माध्यम से ही किया था. इस बार भी पार्टी कार्यालय बंद होने के बाद जदयू अपने आगामी कार्यक्रमों को वर्चुअल माध्यम से करने की तैयारी कर रहा है. आने वाले समय में जदयू प्रत्येक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगा.
इसके साथ ही विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल राजद ने भी अपने कई नेताओं को संक्रमित होने की सूचना के बाद कार्यालय को बंद करने का आदेश दिया है. पार्टी ने अपने सभी आगामी कार्यक्रमों को अब वर्चुअल माध्यम से ही करने की तैयारी की है. इसके लिए पार्टी तकनीकी विशेषज्ञों की भी मदद ले रही है.
कांग्रेस पार्टी ने भी प्रदेश के सभी कार्यालयों को बंद रखने का आदेश शुक्रवार को जारी किया है. हालांकि ,पार्टी ने इससे पहले पांच अप्रैल को ही सभी गतिविधियों को स्थगित कर दिया था, लेकिन पार्टी कार्यालय खुले थे.
वाम दलों की स्थिति थोड़ी अलग है. भाकपा का फिलहाल प्रदेश कार्यालय सहित सभी कार्यालय खुले हैं. सामान्य गतिविधियां जारी हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में पार्टी वर्चुअल माध्यम अपनाने पर विचार कर सकती है.
माकपा का भी पार्टी कार्यालय सामान्य गतिविधियों के लिए खुला है, लेकिन पार्टी अपने सभी कार्यक्रमों को वर्चुअल माध्यम से ही कर रही है. भाकपा- माले ने पार्टी कार्यालयों की गतिविधियों को सीमित कर दिया है. साथ ही अपने आगामी कार्यक्रमों को वर्चुअल माध्यम से ही करने की तैयारी की है.
Posted by Ashish Jha