Coronavirus in Bihar : PMCH में शुरू हुआ ऑक्सीजन प्लांट, मरीजों के परिजनों के लिए भोजन की हुई नि:शुल्क व्यवस्था
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) में ऑक्सीजन की परेशानी अब खत्म होगी. शुक्रवार को यहां ऑक्सीजन प्लांट को चालू कर दिया गया. इसका उद्घाटन करने के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि इस नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट से रोज 50 ऑक्सीजन सिलिंडर (20 लीटर वाले) भरे जायेंगे.
पटना. सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) में ऑक्सीजन की परेशानी अब खत्म होगी. शुक्रवार को यहां ऑक्सीजन प्लांट को चालू कर दिया गया. इसका उद्घाटन करने के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि इस नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट से रोज 50 ऑक्सीजन सिलिंडर (20 लीटर वाले) भरे जायेंगे.
उन्होंने कहा कि इसकी क्षमता 1000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की है. हालांकि, बैकअप के लिए भी 16 बड़े ऑक्सीजन सिलिंडर रखे गये हैं, ताकि अगर ऑक्सीजन की कमी हो तो इसका उपयोग किया जा सके.इस महीने के अंत तक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का भी होगा निर्माण
अधीक्षक डॉ ठाकुर ने कहा कि पीएमसीएच में प्रवेश करते ही टी-प्वाइंट पर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट बनाया जा रहा है. इसका सिविल वर्क भी शुरू हो चुका है. इस प्लांट का निर्माण लिंडे कंपनी कर रही है. उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक यह प्लांट भी शुरू हो जायेगा.
इसके शुरू होने से अस्पताल के सभी बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति होनी शुरू हो जायेगी. साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि तब बाहर से ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मंगवाना पड़े. वर्तमान समय में पीएमसीएच के कोविड-19 वार्ड सहित सभी वार्डों में लगभग 900 ऑक्सीजन सिलिंडर की खपत है.
मरीज के परिजनों को मिलेगा नि:शुल्क भोजन और बेड
पीएमसीएच में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों के परिजनों को रहने व खाने को लेकर परेशानी नहीं हो इसके लिए पीएमसीएच गेट संख्या एक के पास व्यवस्था की गयी है. मेयर सीता साहू की पहल पर नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कोविड पीड़ित लोगों के परिजनों के लिए यह सुविधा मुहैया करायी है.
विश्राम गृह में सोशल डिस्टैंसिंग का ख्याल करते हुए फिलहाल 12 बेड लगाये गये हैं. इसमें बढ़ोतरी हो सकती है. विश्राम गृह में आनेवाले सभी मरीजों के परिजनों को नि:शुल्क भोजन मिलेगा. बांकीपुर अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी नुरूल हक शिवानी ने सारी व्यवस्था की है. सशक्त स्थायी समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि इलाज के लिए आनेवाले मरीजों के परिजनों को अधिक परेशानी होती है.
Posted by Ashish Jha