मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल के स्टोर से मिलने वाले रेमडिसिविर अब निजी दवा दुकानों में मिलेगी. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने अनुमति दे दी हैं. जिले में अभी एक ही दुकान को दवा बेचने की अनुमति दी गयी है. सरैयागंज स्थित एन बी फार्मा में रेमडिसिविर दवा मिलेगी.
सिविल सर्जन सुरेंद्र कुमार ने कहा कि निजी दवा दुकान में भी दवा सरकारी रेट पर ही दी जायेगी. हालांकि बिना डॉक्टर की पर्ची के रेमडिसिविर उपलब्ध नहीं होगी. रविवार को चार सौ वायल दवा दुकानदार को उपलब्ध करा दी गयी है.
इधर, सदर अस्पताल से यह दवा अब सिर्फ सरकारी अस्पतालों में सप्लाई दी जायेगी. उन्होंने कहा कि निजी दवा दुकानदार जो दवा बेचेंगे, उसकी पूरी रिपोर्ट हर दिन स्वास्थ्य विभाग का उपलब्ध करायेंगे. अगर कहीं भी गड़बड़ी की गुंजाइश मिली तो रेमडिसिविर बेचने पर पाबंदी लगा दी जायेगी.
मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना टेस्टिंग व सैंपलिंग का टारगेट पूरा नहीं करने वाले पदाधिकारी व कर्मी पर जिम्मेवारी तय होगी. रविवार को अपर समाहर्ता राजस्व-सह- वरीय पदाधिकारी सैंपलिंग एंड टेस्टिंग कोषांग राजेश कुमार ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान बात सामने आयी कि पीएचसी स्तर पर टेस्टिंग लक्ष्य के अनुरूप नहीं है.
अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, बीएचएम,बीसीएम को सख्त निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पीएचसी स्तर पर 300 एंटीजन टेस्ट और 200 आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन किया जाए.
सभी बीडीओ और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संयुक्त रूप से जिन क्षेत्रों में सैम्पलिंग संपन्न की जानी है,उसका शेड्यूल बनाने के लिए कहा गया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि टेस्टिंग की धीमी प्रगति को गंभीरता से लिया जाएगा.
लापरवाही पर जिम्मेदारी तय की जाएगी. बैठक में प्रभारी पदाधिकारी राजस्व शाखा-सह-वरीय उप समाहर्ता और टेस्टिंग कोषांग के नोडल पदाधिकारी डॉ अमिताभ सिन्हा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
Posted by Ashish Jha