Coronavirus in Bihar : बिहार में दुकानों से गायब हुआ रेमडेसिविर, ब्लैक मार्केट में 10 गुना अधिक दाम पर बिक रहा इंजेक्शन

पटना सहित पूरे बिहार में एक ओर तो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो दूसरी ओर इससे बचाव में काम आने वाली जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2021 7:31 AM

आनंद तिवारी, पटना. पटना सहित पूरे बिहार में एक ओर तो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो दूसरी ओर इससे बचाव में काम आने वाली जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रही है. कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संक्रमितों के परिजनों को भटकना पड़ रहा है.

कुछ मरीज के परिजनों को शहर के गोविंद मित्रा दवा मंडी में इसके ब्लैक में उपलब्ध होने की बात कही गयी, लेकिन वहां 10 गुना अधिक दाम पर इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कोरोना में इस्तेमाल होने वाली एजेथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, पैरासीटामाल, इवरमेक्टिन दवाओं में भी आठ से 10 प्रतिशत तक अधिक दाम में बिक रहे हैं. हालांकि, इन दवाओं की कमी नहीं है.

आठ से 10 हजार में बिक रहा इंजेक्शन

लगभग 1500 से चार हजार रुपये की कीमत वाले इस इंजेक्शन को लोग बाजार में पांच से लेकर 10 हजार रुपये तक खरीदने में मजबूर हैं. शहर के बाकरगंज निवासी व्यापारी विशाल कुमार के भाई को एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की छह डोज लाने के लिए कहा.

परिजनों ने करीब दो दिन तक कई अस्पतालों में और दवाओं की दुकानों पर संपर्क किया, लेकिन कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिला. उनके एक रिश्तेदार को किसी ने 10 हजार रुपये में इंजेक्शन का एक डोज देने की बात कही, जबकि इसकी कीमत लगभग 2800 रुपये ही है.

सोशल मीडिया पर गुहार

रेमडेसिविर इंजेक्शन के अभाव में लोग सोशल मीडिया पर भी रेमडेसिविर की मांग कर लोगों से इसे कहीं से भी उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं. रजनीश कुमार नाम के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोरोना संक्रमित पिता के इलाज के लिए रेमडेसिविर की जरूरत है, लेकिन उन्हें पटना में कहीं भी यह नहीं मिल रही है.

क्या है रेमडेसिविर

रेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है. इसका निर्माण हेपटाइटिस सी के इलाज के लिए हुआ था. लेकिन, बाद में इबोला वायरस के इलाज में इसका उपयोग किया गया. अब कोरोना वायरस के इलाज में भी रेमडेसिविर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

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